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आगरा में मृत सफाई कर्मचारी अरुण वाल्मीकि के परिवार से मिलीं प्रियंका गांधी, प्रशासन 10 लाख रुपए और एक सदस्य को नौकरी देगा
आगरा के जगदीशपुरा थाने के मालखाने से 25 लाख रुपए चुराने के आरोपी सफाई कर्मचारी अरुण की पुलिस हिरासत में मौत का मामला गर्माया, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने मृतक के परिवार से मुलाकात की, कई दलों के नेता भी पहुंचे
Arun Valmiki custodial Death news AGRA Update: आगरा के जगदीशपुरा थाने के मालखाने से 25 लाख रुपये चुराने के आरोपी सफाई कर्मचारी अरुण वाल्मीकि को पुलिस ने हिरासत में लिया था. लेकिन पुलिस हिरासत में अरुण की मौत की मौत हो गई. इस मामले में प्रशासन ने बुधवार को पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा और परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी देने की घोषणा की है. वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बुधवार को आगरा पहुंचकर उनके परिजनों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी.
प्रशासन ने बताया कि मालखाने में हुई चोरी और आरोपी की हिरासत में हुई मौत के मामले में अभी तक 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है. आगरा के जिलाधिकारी पी. एन. सिंह ने बताया कि प्रशासन की अनुशंसा पर पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये की सहायता राशि और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का फैसला लिया गया है.
आगरा में मृतक के परिवार से मिलने के बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, मैं अरुण वाल्मीकि के परिवार से मिली. मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि इस सदी में किसी के साथ भी ऐसा हो सकता है. उन्होंने मुझे बताया है कि वाल्मीकि समुदाय के 17-18 लोगों को अलग-अलग जगहों से उठाकर थाने ले जाया गया.
I met with the family of Arun Valmiki. I can’t believe that such things can happen to anyone in this century. They’ve told me that 17-18 people of Valmiki community were picked from different locations & taken to police station: Congress leader Priyanka Gandhi Vadra, in Agra pic.twitter.com/0ywQyHh4gJ
— ANI UP (@ANINewsUP) October 20, 2021
प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, उन्हें बेरहमी से पीटा गया. जो मुझसे कहा गया था, मैं वह भी नहीं कह सकती. पत्नी के सामने अरुण को पीटा गया. रात के करीब 2 बजे उसके भाई उससे मिले और वह उस समय ठीक था. करीब 2.30 बजे उन्हें बताया गया कि वह मर चुका है. परिवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी नहीं दी गई.
घर में की गई तोड़फोड़, क्या किसी के लिए न्याय नहीं है?
प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, वहां घर में तोड़फोड़ की गई. क्या किसी के लिए न्याय नहीं है? गरीब परिवार के साथ अन्याय हो रहा है और हम सब चुप हैं? मैं सुनिश्चित करूंगी कि उन्हें (राजस्थान सरकार द्वारा) मुआवजा दिया जाएगा. भरतपुर के परिवार के सदस्य के रूप में मैं अशोक गहलोत से बात करूंगी.
प्रियंका ने कई ट्वीट कर के भी राज्य सरकार और पुलिस पर निशाना साधा
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने कई ट्वीट कर बीजेपी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार और पुलिस पर निशाना साधा. प्रियंका ने ट्वीट किया, ”किसी को पुलिस हिरासत में पीट-पीटकर मार देना कहां का न्याय है? आगरा पुलिस की हिरासत में अरुण वाल्मीकि की मौत की घटना निंदनीय है. भगवान वाल्मीकि जयंती के दिन उत्तर प्रदेश सरकार ने उनके संदेशों के खिलाफ काम किया है. मामले में उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और आरोपी पुलिस वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए. पीड़ित परिवार को मुआवजा मिलना चाहिए.”
प्रशासन ने पीड़ित परिवार को 10 लाख मुआवजा और परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी देने का वादा किया
जगदीशपुरा थाना के मालखाने से 25 लाख रुपये चुराने के आरोपी की कथित रूप से पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले में प्रशासन ने बुधवार को पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा और परिवार के एक व्यक्ति को सफाईकर्मी की नौकरी देने का वादा किया है. वहीं, वाल्मीकि समुदाय के लोग अरुण के मृत्यु के मामले की स्वतंत्र जांच की मांग कर रहे हैं. समुदाय के स्थानीय नेताओं ने कहा है कि इस मामले में जब तक निष्पक्ष जांच शुरू नहीं होती तब तक वे ‘महर्षि वाल्मीकि जयंती” नहीं मनाएंगे.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने किया ये दावा
आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुनिराज जी. ने बताया कि चोरी के पैसे बरामद करने के लिए मंगलवार की रात आरोपी अरुण के आवास की तलाशी ली गई और इस दौरान अचानक उसकी तबियत बिगड़ गई. उन्होंने बताया कि आरोपी को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत लाया गया घोषित कर दिया. पुलिस ने बताया कि अरुण पर शनिवार की रात थाने के मालखाना (थाने में वह कमरा जहां जब्त की गई वस्तुएं रखी जाती हैं) से नकदी चुराने का आरोप है. वह थाने में सफाईकर्मी का काम करता था.
अभी तक कुल 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुनिराज जी. ने बताया कि अभी तक कुल 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है. उन्होंने बताया कि छह लोगों इंस्पेक्टर अनूप कुमार तिवारी, एसआई रामनिवास, आरक्षी सुखवीर सिंह, जितेंद्र सिंह और प्रताप भान सिंह और एक महिला सिपाही साजदा को पहले निलंबित किया गया था, तो वहीं इंस्पेक्टर आंनद शाही, एसआई योगेंद्र, सिपाही सत्यम, सिपाही रूपेश, सिपाही महेंद्र को बुधवार को निलंबित किया गया.
जांच के दौरान पुलिस ने कई संदिग्धों को पकड़ा. उनमें से अरुण भी एक था
पुलिस ने बताया, जांच के दौरान पुलिस ने कई संदिग्धों को पकड़ा. उनमें से अरुण भी एक था, क्योंकि वह मालखाना में जा सकता था. अरुण को मंगलवार को आगरा के ताजगंज इलाके से गिरफ्तार किया गया था. उसने पहचान छुपाने के लिए अपना सिर मुंडा लिया था.आगरा के एसएसपी ने बताया, पुलिस दल चोरी को लेकर विभिन्न संदिग्धों से पूछताछ कर रहा था. मंगलवार की शाम लोहामंडी क्षेत्र निवासी अरुण को पुलिस हिरासत में लिया गया.
पुलिस ने दावा किया- मौत होने से पहले उसके घर की तलाशी में 15 लाख रुपये बरामद हुए
पुलिस ने दावा किया, ”पूछताछ के दौरान अरुण ने चोरी करना स्वीकार किया और बताया कि चोरी के पैसे उसके घर में रखे हैं. उन्होंने बताया कि अरुण की तबीयत बिगड़ने और उसकी मौत होने से पहले पुलिस ने उसके घर की तलाशी में 15 लाख रुपये बरामद कर लिए थे.
अरुण के भाई की ओर से मिली तहरीर के आधार पर मामला दर्ज
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अरुण के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है और रिपोर्ट के आधार पर समुचित कार्रवाई की जाएगी. अरुण के भाई सोनू की ओर से मिली तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है.
समुदाय के नेताओं ने कहा -जब तक निष्पक्ष जांच शुरू नहीं होती तब तक ‘महर्षि वाल्मीकि जयंती” नहीं मनाएंगे
इस बीच जिला कांग्रेस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम हाउस पर एकत्र वाल्मीकि समाज के लोगों ने वहां पीड़ित परिवार को सांत्वना देने पहुंचे पार्टी के जिलाध्यक्ष राघवेंद्र सिंह मीनू की कथित तौर पर पिटाई कर दी, जिसमें उन्हें चोटें आई हैं. इस कथित घटना के बाद जिला कांग्रेस प्रवक्ता अनुज शिवहरे ने भी आरोप लगाया है कि उनकी भी पिटाई की गई है. वहीं, वाल्मीकि समुदाय के लोगों ने अरुण की मौत मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की. समुदाय के स्थानीय नेताओं ने कहा है कि इस मामले में जब तक निष्पक्ष जांच शुरू नहीं होती तब तक वे ‘महर्षि वाल्मीकि जयंती” नहीं मनाएंगे.