Top Recommended Stories

ऑडी की धांसू कार ई-ट्रॉन की बैटरी से चलेंगे इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर, भारत में इनको होगा फायदा

विशेषकर महिलाएं बाजार में अपने सामानों को बिक्री के लिए ले जाने में ऑल-इलेक्ट्रिक रिक्शा का इस्तेमाल कर सकेंगी, जिसमें कोई बिचौलिया नहीं होगा. ये ई-रिक्शा यूज्ड बैटरी मॉड्युल्स द्वारा संचालित हैं जो बैटरी पहले ऑडी ई-ट्रॉन...

Published: June 26, 2022 11:16 AM IST

By Rajneesh

ऑडी की धांसू कार ई-ट्रॉन की बैटरी से चलेंगे इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर, इनको होगा फायदा

इलेक्ट्रिक वाहनों की महंगी कीमत के लिए सबसे बड़ा कारण इनकी बैटरी को बताया जाता है. ज्यादा रेंज देने वाली कारों में काफी महंगी बैटरी का इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि कार के लिए यूज होते-होते जब ये बैटरी कमजोर हो जाती हैं या इनका पॉवर कम हो जाता है उसके बाद भी इनका इस्तेमाल किया जा सकता है. इन्हीं बैटरियों को दोबारा इस्तेमाल करने के लिए जर्मन ऑटो दिग्गज ऑडी (Audi) भारत में कॉमर्शियल इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर्स को पावर देने के लिए अपनी इलेक्ट्रिक कार की बैटरी को साझा करेगी. ऑडी कंपनी की इलेक्ट्रिक कार ऑडी ई-ट्रॉन (Audi e-tron) की गिनती बेहतरीन इलेक्ट्रिक कारों में होती है.

ऑडी ने भारत स्थित गैर-लाभकारी स्टार्टअप नुनाम (Nunam) ने ई-रिक्शा को चलाने के लिए इस्तेमाल की गई ईवी बैटरी हासिल करने के लिए जर्मन कार निर्माता के साथ करार किया है. नुनाम नाम का ये स्टार्टअप ऑडी इलेक्ट्रिक कार की इन्हीं बैटरियों का इस्तेमाल कर भारत में तीन इलेक्ट्रिक रिक्शा लॉन्च करेगा.

You may like to read

ऑडी और नुनाम का उद्देश्य यह प्रदर्शित करना है कि हाई वोल्टेज वाली बैटरियों से निर्मित मॉड्युल्स को किस तरह उनकी कार लाइफ साइकिल के बाद भी इस्तेमाल किया जा सकता है. ऐसे में यह एक व्यावहारिक सेकंड-लाइफ यूज केस बन सकता है.

महिलाओं को फायदा

इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य भारत में महिलाओं के लिए नौकरी की संभावनाओं को मजबूत करना भी है. ये ई-रिक्शा महिलाओं को दिया जाएगा जिससे वो अपने सामान को एक जगह से दूसरी जगह ले जाएंगी. बर्लिन और बेंगलुरू में स्थित इस गैर-लाभकारी स्टार्ट-अप को ऑडी एनवायरमेंटल फाउंडेशन से फंडिंग मिलती है. नूनम ने ऑडी के नेकर्सुल्म साईट में ट्रेनिग टीम के सहयोग से तीन प्रोटोटाइप विकसित किया है.

अगले साल से दौड़ते दिखेंगे ये रिक्शे

ऑडी की कार में यूज्ड हो चुकी बैटरियों (सेकंड-लाइफ बैटरी) द्वारा चालित ई-रिक्शा एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत वर्ष 2023 की शुरुआत में भारत की सडकों पर दिखने लगेंगे. भारत में उन्हें नुनाम संगठन को उपलब्ध कराया जाएगा. विशेषकर महिलाएं बाजार में अपने सामानों को बिक्री के लिए ले जाने में ऑल-इलेक्ट्रिक रिक्शा का इस्तेमाल कर सकेंगी, जिसमें कोई बिचौलिया नहीं होगा. ये ई-रिक्शा यूज्ड बैटरी मॉड्युल्स द्वारा संचालित हैं जो बैटरी पहले ऑडी ई-ट्रॉन में खप चुकी हैं या कहें कि इस्तेमाल हो चुकी हैं.

नूनम के को-फाउंडर, प्रदीप चटर्जी ने कहा कि, पुरानी बैटरियां अभी भी काफी पावरफुल हैं. अगर उनका इस्तेमाल उचित तरीके से किया जाए तो सेकंड-लाइफ बैटरियों का जबरदस्त प्रभाव हो सकता है. उनसे लोगों जीवन की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में कमाई करने और आर्थिक आत्मनिर्भरता पाने में मदद मिल सकती है और ये सब बहुत ही सस्टेनेबल तरीके से होगा.


इस स्टार्ट-अप का प्राथमिक लक्ष्य है पुरानी बैटरियों को सेकंड-लाइफ पावर स्टोरेज सिस्टम के रूप में प्रयोग करने की विधि विकसित करना और इस तरह उनका जीवन बेहतर बनाना तथा संसाधनों को अधिक कार्यकुशलता के साथ इस्तेमाल करना.

चटर्जी ने आगे बताया कि कार की बैटरियों को कार के जीवन तक टिकने योग्य बनाया जाता है. लेकिन वाहन में उनके शुरुआती प्रयोग के बाद भी उनमें काफी पावर बची रहती है. ऐसे में ये बैटरियां कम रेंज और कम भार वाले वाहनों के लिए प्रभावी रहती हैं.

Also Read:

ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें Auto की और अन्य ताजा-तरीन खबरें

By clicking “Accept All Cookies”, you agree to the storing of cookies on your device to enhance site navigation, analyze site usage, and assist in our marketing efforts Cookies Policy.

?>