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भारत में बिकने वाली सभी कारों की सेफ्टी के लिए अभी तक ग्लोबल NCAP की रेटिंग ही मानी जाती थी. कुछ कार कंपनियां इसकी रेटिंग को एक तरह की मार्केटिंग और इसमें कुछ झोल की तरफ भी इशारा करती थीं. अब भारत में लॉन्च होने वाली कारों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भारत NCAP (Bharat NCAP) को सौंपी गई है. दरअसल बीते कुछ सालों में लोगों के बीच कार की सेफ्टी को लेकर जागरूकता आई है. दरअसल कुछ कार कंपनियां अपनी कारों को ग्लोबल NCAP के पास अपनी कार भेजकर सेफ्टी रेटिंग हासिल करते थे. ऐसे में अन्य कार कंपनियों पर भी सेफ्टी रेटिंग हासिल करने का दबाव होता था.
NCAP का मतलब न्यू कार एसेसमेंट प्रोग्राम (New Car Assessment Program) होता है. ग्लोबल NCAP के बारे में एक बात और कही जाती रही है कि यह विदेशों के हिसाब से ही कार की सेफ्टी का क्रैश टेस्ट करते हैं और रेटिंग देते हैं. इसमें सबसे ज्यादा जोर सिर्फ सामने से होने वाली टक्कर के लिए रेटिंग देना था. अब भारत NCAP भारत में चलने वाली कारों को सेफ्टी रेटिंग दे सकेगा. इस रिपोर्ट को क्रैश टेस्ट रेटिंग Bharat NCAP जारी करेगा.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ट्विटर पर GSR नोटिफिकेशन को मंजूरी दी है. अब भारत NCAP एक कंज्यूमर सेंट्रिक प्लेटफॉर्म के रूप में काम करेगा. ये संस्था अब भारत में क्रैश टेस्टिंग और प्रदर्शन के आधार पर कारों को सेफ्टी रेटिंग देगा.
नितिन गडकरी ने Bharat NCAP के तहत काम कर रहा है. इस प्रोग्राम के जरिए कार ग्राहकों को स्टार रेटिंग के आधार पर सुरक्षित कार मिल पाएगी. इसके जरिए भारत में बनने वाली कार के निर्यात को बढ़ाने का मौका मिलेगा. हालांकि कुछ देशों की अपनी अलग सेफ्टी रेटिंग है.
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