
By clicking “Accept All Cookies”, you agree to the storing of cookies on your device to enhance site navigation, analyze site usage, and assist in our marketing efforts Cookies Policy.
Vehicles Fitness Testing: वाहनों की फिटनेस जांच के लिए स्थापित होने वाले ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन (ATS) की योग्यता (एलिजबिलिटी क्राइटेरिया) में सरकार बदलाव करना चाहती है. इसके लिए रविवार को सरकार ने तमाम सुधारों के साथ एक प्रस्ताव पेश किया. इसके मुताबिक, जिन राज्यों में वाहनों का पंजीकरण हुआ है, उनके बाहर अन्य दूसरे राज्यों में भी फिटनेस जांच हो सकती है. इसके साथ ही सेंटर्स को यह भी घोषित करना होगा कि वाहन का समय अब खत्म हो गया है.
सड़क परविहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने कहा कि उसकी ओर से 25 मार्च, 2022 को जारी एक अधिसूचना में तमाम सुधार के प्रस्ताव हैं. इसमें कहा गया है कि टेस्टिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए योग्यता और वाहनों की जांच नतीजे सीधे सर्वर पर जाने चाहिए.
बयान में कहा गया है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की फिटनेस जांच के लिए तमाम नए उपकरण भी जोड़े गए हैं. इससे जुड़ा नोटिफिकेशन 30 दिन के लिए पब्लिक डोमेन में रहेगा जिससे कि लोग इस मुद्दे पर अपने सुझाव दे सकें.
सरकार ऑटोमैटिक टेस्टिंग स्टेशन (ATS) के जरिये एक अप्रैल, 2022 से वाहनों की चरणबद्ध तरीके से जांच अनिवार्य बना रही है. भारी सामानों (हैवी गुड्स) और ज्यादा यात्री (हैवी पैसेंजर) वाले वाहनों की फिटनेस जांच अनिवार्य करने के लिए एक साल का समय दिया गया है. ऐसे वाहनों के लिए यह एक अप्रैल, 2023 से जरूरी होगा. मध्यम सामान वाले (मीडियम गुड्स व्हीकल) और इसी सेगमेंट के यात्री वाहनों (मीडियम पैसेंजर व्हीकल) के लिए फिटनेस जांच एक जून, 2024 से लागू होगा.
पिछले साल मंत्रालय ने स्पेशल पर्पज व्हीकल, राज्य सरकारों, कंपनियों, एसोसिएशन और व्यक्तिगत संगठनों को ऑटोमेटिक टेस्टिंग सेंटर स्थापित करने के लिए मंजूरी दी थी. निजी वाहनों की जांच पंजीकरण के नवीनीकरण के 15 वर्षों बाद की जा सकती है. वाहनों की कबाड़ नीति (Vehicle Scrappage Policy) 1 अप्रैल, 2022 से लागू होगी.
ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें ऑटो समाचार की और अन्य ताजा-तरीन खबरें