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रजिस्ट्रेशन वाले राज्यों के बाहर भी हो सकेगा फिटनेस टेस्ट, 30 के भीतर सरकार ने मांगे सुझाव

वाहनों की फिटनेस जांच के लिए स्थापित होने वाले ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन की योग्यता (एलिजबिलिटी क्राइटेरिया) में सरकार बदलाव करना चाहती है. इसके लिए रविवार को सरकार ने तमाम सुधारों के साथ एक प्रस्ताव पेश किया. इसके मुताबिक, जिन राज्यों में वाहनों का पंजीकरण हुआ है, उनके बाहर...

Published: March 28, 2022 10:28 AM IST

By India.com News Desk | Edited by Rajneesh

रजिस्ट्रेशन वाले राज्यों के बाहर भी हो सकेगा फिटनेस टेस्ट, 30 के भीतर सरकार ने मांगे सुझाव
प्रतीकात्मक फोटो

Vehicles Fitness Testing: वाहनों की फिटनेस जांच के लिए स्थापित होने वाले ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन (ATS) की योग्यता (एलिजबिलिटी क्राइटेरिया) में सरकार बदलाव करना चाहती है. इसके लिए रविवार को सरकार ने तमाम सुधारों के साथ एक प्रस्ताव पेश किया. इसके मुताबिक, जिन राज्यों में वाहनों का पंजीकरण हुआ है, उनके बाहर अन्य दूसरे राज्यों में भी फिटनेस जांच हो सकती है. इसके साथ ही सेंटर्स को यह भी घोषित करना होगा कि वाहन का समय अब खत्म हो गया है.

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सड़क परविहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने कहा कि उसकी ओर से 25 मार्च, 2022 को जारी एक अधिसूचना में तमाम सुधार के प्रस्ताव हैं. इसमें कहा गया है कि टेस्टिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए योग्यता और वाहनों की जांच नतीजे सीधे सर्वर पर जाने चाहिए.

बयान में कहा गया है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की फिटनेस जांच के लिए तमाम नए उपकरण भी जोड़े गए हैं. इससे जुड़ा नोटिफिकेशन 30 दिन के लिए पब्लिक डोमेन में रहेगा जिससे कि लोग इस मुद्दे पर अपने सुझाव दे सकें.

फिटनेस जांच अनिवार्य

सरकार ऑटोमैटिक टेस्टिंग स्टेशन (ATS) के जरिये एक अप्रैल, 2022 से वाहनों की चरणबद्ध तरीके से जांच अनिवार्य बना रही है. भारी सामानों (हैवी गुड्स) और ज्यादा यात्री (हैवी पैसेंजर) वाले वाहनों की फिटनेस जांच अनिवार्य करने के लिए एक साल का समय दिया गया है. ऐसे वाहनों के लिए यह एक अप्रैल, 2023 से जरूरी होगा. मध्यम सामान वाले (मीडियम गुड्स व्हीकल) और इसी सेगमेंट के यात्री वाहनों (मीडियम पैसेंजर व्हीकल) के लिए फिटनेस जांच एक जून, 2024 से लागू होगा.

1 अप्रैल से लागू होगी कबाड़ नीति

पिछले साल मंत्रालय ने स्पेशल पर्पज व्हीकल, राज्य सरकारों, कंपनियों, एसोसिएशन और व्यक्तिगत संगठनों को ऑटोमेटिक टेस्टिंग सेंटर स्थापित करने के लिए मंजूरी दी थी. निजी वाहनों की जांच पंजीकरण के नवीनीकरण के 15 वर्षों बाद की जा सकती है. वाहनों की कबाड़ नीति (Vehicle Scrappage Policy) 1 अप्रैल, 2022 से लागू होगी.

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