
Honda motorcycle and scooter India: मांग में कमी से जूझ रही है यह बाइक निर्माता कंपनी, भारत में अपने कर्मचारियों को दे रही है स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति
Honda motorcycle and scooter India: कोरोना महामारी के कारण मांग में कमी का सामना कर रही भारत में होंडा मोटरसाइकिल बनाने वाली कंपनी अपने कर्मचारियों को वीआरएस लेने का ऑफर दे रही है.

Honda motorcycle and scooter India: भारत में दूसरी सबसे बड़ी दोपहिया वाहन निर्माता होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर्स इंडिया (HMSI) कोविड -19 महामारी के बाद देश में धीमी मांग के बीच अपने कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) दे रही है.
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एक समाचार एजेंसी की खबर के मुताबिक, कंपनी ने एक सर्कुलर जारी किया है जिसमें उसने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना को “अपनी उत्पादन रणनीति को फिर से शुरू करने” और इन अनिश्चित समय में समग्र दक्षता में सुधार करने के लिए पेश किया है.
बिजनेस स्टैंडर्ड अखबार में प्रकाशित खबर के मुताबिक, 40 वर्ष से अधिक उम्र के कर्मचारी या कंपनी में एक दशक की सेवा पूरी कर चुके कर्मचारी वीआरएस के लिए आवेदन करने के पात्र हैं.
कर्मचारियों को जारी किए गए इंटरनल मेल में, एचएमएसआई ने कहा कि इस प्रतिस्पर्धी दोपहिया बाजार में अस्तित्व बनाए रखने के लिए, उच्च दक्षता और प्रतिस्पर्धा के साथ जारी रखना आवश्यक है.
इसलिए, उपरोक्त सभी कारणों को ध्यान में रखते हुए, प्रबंधन ने उन सभी सहयोगियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) पेश किया है, जो अपनी निश्चित सेवानिवृत्ति की आयु से पहले कंपनी से स्वैच्छिक रूप से सेवानिवृत्त होना चाहते हैं, ताकि उन्हें कंपनी से अनुग्रह से राहत मिल सके.
गौरतलब है कि कंपनी के निदेशक योजना के लिए पात्र नहीं हैं. यह योजना 5 जनवरी से प्रभावी हो गई और सभी वीआरएस अनुरोध 23 जनवरी तक स्वीकार किए जाएंगे. हालांकि, प्रबंधन को योजना को संशोधित करने या वीआरएस के लिए आवेदन प्राप्त करने के लिए समय बढ़ाने का पूरा अधिकार होगा.
बिज़नेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, वीआरएस पैकेज के फॉर्मूले में तीन महीने की सकल तनख्वाह शामिल है, जो सेवा के एक साल में पूरी होती है, एक महीने का मूल वेतन और बाकी बचे साल में महंगाई भत्ता और 22,000 रुपये की छूट दी जाती है.
इस योजना के तहत, वीआरएस के लिए आवेदन करने वाले पहले 400 को 5 लाख रुपये का ‘प्रोत्साहन’ मिलेगा. जो लोग पहले 400 स्लॉट्स में नहीं आएंगे उन्हें केवल चार लाख रुपये मिलेंगे.
बता दें, कंपनी ने इस योजना के तहत स्थायी कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियर (जेई) और उससे अधिक की अधिकतम राशि भी ली है.
उदाहरण के लिए, वरिष्ठ प्रबंधक या उपाध्यक्ष के लिए यह राशि 72 लाख रुपये रखी गई है; प्रबंधक के लिए 67 लाख रुपये; डिप्टी मैनेजर के लिए 48 लाख रुपये और सहायक कार्यकारी के लिए 15 लाख रुपये हैं.
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