
लोगों ने तोड़े नियम, सरकार के खजाने में गए 1899 करोड़ रुपये, इस राज्य के लोगों का सबसे ज्यादा कटा चालान
ट्रैफिक नियम लोगों की सुविधा और सुरक्षित यातायात के लिए बनाए जाते हैं लेकिन कई बार लोग जल्दबाजी, भूल या फिर लापरवाही के चलते ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन कर जाते हैं. ट्रैफिक नियम तोड़ने पर पकड़े जाने जुर्माना भरना होता है और हो सकता है कि कभी न कभी आपकी भी कार, बाइक, स्कूटी आदि का चालान कटा हो. तो ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले आप अकेले नही हैं. भारतीयों ने ट्रैफिक नियमों को तोड़ने पर साल 2021 में 1,899 करोड़ रुपये के ट्रैफिक चालान का भुगतान किया है...

ट्रैफिक नियम लोगों की सुविधा और सुरक्षित यातायात के लिए बनाए जाते हैं लेकिन कई बार लोग जल्दबाजी, भूल या फिर लापरवाही के चलते ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन (Traffic Violations) कर जाते हैं. ट्रैफिक नियम तोड़ने पर पकड़े जाने जुर्माना भरना होता है और हो सकता है कि कभी न कभी आपकी भी कार, बाइक, स्कूटी आदि का चालान कटा हो. तो ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले आप अकेले नही हैं. भारतीयों ने ट्रैफिक नियमों को तोड़ने पर साल 2021 में 1,899 करोड़ रुपये के ट्रैफिक चालान का भुगतान किया है. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक लिखित जवाब में संसद में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि पिछले साल पूरे भारत में यातायात मानदंडों का उल्लंघन करने वाले वाहनों के लिए कुल 1.98 करोड़ ट्रैफिक चालान जारी किए गए थे. इनमें से 35 फीसदी से ज्यादा चालान दिल्ली में जारी किए गए, जो सभी राज्यों में सबसे ज्यादा है.
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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की ओर से गुरुवार को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल दिल्ली में 71,89,824 चालान काटे गए थे. राष्ट्रीय राजधानी के बाद तमिलनाडु 36,26,037 चालानों के साथ दूसरे नंबर पर रहा और पिछले वर्ष 17,41,932 चालानों के साथ केरल तीसरे स्थान पर था.
सरकार के केंद्रीकृत डेटाबेस के मुताबिक, 1.98 करोड़ चालानों में, 2021 में रोड रेज और रैश ड्राइविंग के दो लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं. गडकरी ने लोकसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि सरकार के केंद्रीयकृत डेटाबेस के अनुसार 2021 में लापरवाही से वाहन चलाने और सड़क पर हिंसा के 2,15,328 मामले दर्ज किये गये.
यात्रियों के लिए यह साल बेहतर नहीं है. अधिकारियों ने 1 जनवरी से 15 मार्च, 2022 के बीच देश भर में यातायात उल्लंघन के लिए 417 करोड़ रुपये के 40 लाख से ज्यादा चालान पहले ही जारी कर दिए हैं.
नितिन गडकरी ने यह भी कहा कि 2017 और 2019 के बीच नए मोटर वाहन अधिनियम से पहले यातायात उल्लंघन की संख्या 1,38,72,098 थी. मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 के लागू होने के बाद मामलों की संख्या 4,85,18,314 थी.
संसद ने 5 अगस्त, 2019 को नया विधेयक पारित किया था. इसका मकसद सड़क सुरक्षा में सुधार करना और ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने और उल्लंघन के लिए सख्त दंड लगाने जैसे यातायात नियमों को कड़ा करना है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 9 अगस्त 2019 में विधेयक को अपनी सहमति दी थी.
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