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देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी का कार बाजार में हमेशा से दबदबा रहा है लेकिन कई नई कंपनियों की बाजार में एंट्री ने मारुति सुजुकी को तगड़ा झटका दिया है. इसके चलते इस कंपनी की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2021 में 47.7 प्रतिशत से गिरकर 43.38 प्रतिशत हो गई थी. इसके पीछे की मुख्य वजह पेट्रोल की बढ़ती कीमतें और मार्केट में कई हाइब्रिड पावरट्रेन जैसी नई टेक्नॉलॉजी वाली कारों की एंट्री को माना जा रहा है. मारुति डीजल इंजन वाली कार बनाना लगभग 2 साल पहले से ही बंद कर चुकी है और अब यह सीएनजी सेगमेंट पर जोर दे रही है.
पुराने आंकड़े देखें तो साल 2018-19 में कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 51.22 फीसदी और 2019-20 में 51.03 फीसदी थी जो कि 2021 में घटकर 43.38 प्रतिशत तक आ गई. अब मारुति सुजुकी फिर से 50 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी हासिल करने के प्रयास में है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कंपनी का क्या प्लान होगा इस बारे में कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (MSI) के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक (विपणन और बिक्री) शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि गैर एसयूवी सेगमेंट में कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 67 फीसदी के स्तर पर थी, जिसमें हैचबैक और एमपीवी दोनों सेगमेंट का नेतृत्व था.
उन्होंने स्वीकार किया कि जिस तेजी से एसयूवी (SUV) सेगमेंट बढ़ा है उसने मारुति के मार्केट शेयर को झटका दिया है. शशांक ने कहा कि कंपनी ने ब्रेजा के साथ एंट्री-लेवल एसयूवी सेगमेंट का नेतृत्व किया लेकिन एस-क्रॉस कुछ खास कमाल नहीं दिखा सकी. हालांकि हम आपको बता दें कि एक बात यह भी गौर करने वाली है कि एस-क्रॉस की डिमांड न होने के बाद भी मारुति उस मॉडल को लेकर चिपकी रही और एसयूवी में नया मॉडल लॉन्च करने पर बहुत कुछ किया भी नहीं.
शशांक ने कहा कि SUV वर्टिकल में कुल मिलाकर हमारी बाजार हिस्सेदारी सिर्फ 12 फीसदी है. इसलिए, इस सेगमेंट में हम अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के लिए प्रयास कर रहे हैं. उनके मुताबिक मारुति ने जहां एसयूवी सेगमेंट में खराब प्रदर्शन किया वहीं इसके प्रतिस्पर्धी कंपनियों ने अपनी बिक्री का 60 फीसदी एसयूवी से हासिल किया.
एंट्री-लेवल हैचबैक सेगमेंट के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कार इंडस्ट्री में कुल 16-17 हैचबैक में से सात मारुति सुजुकी की कारें हैं. उन्होंने कहा कि कंपनी भविष्य में इस सेगमेंट में कारों को अपग्रेड और नए मॉडल लाती रहेगी क्योंकि यह अभी भी ऑटो प्रमुख के लिए सबसे बड़ा वॉल्यूम जनरेटर है.
शशांक ने यह भी संकेत दिया कि कंपनी मजबूत हाइब्रिड पावरट्रेन के साथ सेगमेंट के आधार पर मॉडल ला सकती है. श्रीवास्तव ने कहा कि हाइब्रिड प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित करने से कई ईवी में स्थानीय उत्पादन की लागत को कम करने में भी मदद मिल सकती है.
मारुति 2025 में लॉन्च करेगी अपनी ईवी
उन्होंने कहा कि यदि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत को कम करना चाहते हैं, तो आपको स्थानीयकरण की आवश्यकता है. मजबूत हाइब्रिड के साथ-साथ ईवी में उपयोग किए जाने वाले पुर्जों में कुछ समानता है. इसलिए यदि आपके पास बड़ी मात्रा है, तो स्थानीयकरण में सुधार हो सकता है. श्रीवास्तव ने कहा कि एमएसआई ने कई ईवी लॉन्च करने की योजना बनाई है, जिसमें पहली बार 2025 में बाजार में आने की उम्मीद है.
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