
भारतीय और विदेशियों के लिए कार कंपनियों का दोहरा मापदंड, भड़के केंद्रीय मंत्री ने कही ये बात
मार्च महीने में गडकरी ने पार्लियामेंट को यह भी बताया था कि कारों में 6 एयरबैग दिए जाने से 2020 में 13,000 लोगों की जान बचाई जा सकती थी. उन्होंने कहा कि जब ऑटोमोबाइल उद्योग में वृद्धि होती है और वाहनों की संख्या में वृद्धि होती है तो सुरक्षा का ख्याल रखना भी हमारी जिम्मेदारी है...

कार निर्माता कंपनियों पर लंबे समय से सवाल उठते रहे हैं कि वो भारत में बेची जानी वाली कारों को और विदेशों में एक्सपोर्ट की जाने वाली कारों के सेफ्टी फीचर्स में और अन्य मानकों से समझौता करती हैं. अब केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी सोमवार को उन कार निर्माता कंपनियों के दोहरे रवैये पर सवाल उठाया है जो भारत में बिकने वाली और विदेशों में एक्सपोर्ट की जाने वाली कार के एक ही मॉडल में अलग-अलग सेफ्टी फीचर्स देती हैं.
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दरअसल केंद्रीय मंत्री लंबे समय से कार निर्माता कंपनियों को कार के सभी मॉडल में 6 एयरबैग देने के नियम को अनिवार्य बनाने के लिए कह रहे हैं. गडकरी ने कहा कि हमने कारों में 6 एयरबैग को नियम को अनिवार्य बनाने का निर्णय लिया है. ये नियम सिर्फ कारों के टॉप मॉडल के लिए ही नहीं बल्कि सबसे शुरुआती मॉडल में भी 6 एयरबैग को अनिवार्य करना है.
उन्होंने कहा कि कुछ कार कंपनियां भारत के लिए ऐसी कार बना रही हैं जो कि इंटरनेशनल स्टैंडर्ड की नहीं हैं लेकिन वही कंपनियां विदेशी बाजार के लिए उसी कार के मॉडल को इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के हिसाब से बना रही हैं. इसके पीछे की वजह मुझे नहीं समझ आ रही है.
गडकरी ने यह भी कहा कि जब भारत में सड़क दुर्घटनाएं और उनमें मरने वालों की संख्या काफी ज्यादा है तो ऐसे में कंपनियां 6 एयरबैग के फैसले को सीरियसली क्यों नहीं ले रही हैं. ये बातें गडकरी ने तब कही जब वो एक IT कंपनी द्वारा आयोजित कांफ्रेंस में शामलि थे.
गडकरी ने ये बातें तब कही जब कुछ ऑटोमोबाइल कंपनियां कारों में 6 एयरबैग के प्रस्ताव और कारों के सेफ्टी रेटिंग के लिए Bharat NCAP का लगातार विरोध कर रही हैं. हालांकि सड़क परिवहन मंत्रालय ने अभी तक अंतिम अधिसूचना पेश नहीं किया है. उन्होंने कहा कि ऑटोमोबाइल कंपनियों के विरोध कारण नहीं समझ आता जबकि इसका सीधा मतलब लोगों की जान बचाने से है.
मार्च महीने में गडकरी ने पार्लियामेंट को यह भी बताया था कि कारों में 6 एयरबैग दिए जाने से 2020 में 13,000 लोगों की जान बचाई जा सकती थी. उन्होंने कहा कि जब ऑटोमोबाइल उद्योग में वृद्धि होती है और वाहनों की संख्या में वृद्धि होती है तो सुरक्षा का ख्याल रखना भी हमारी जिम्मेदारी है.
उन्होंने कहा कि पूरे विश्व के वाहनों का सिर्फ 1% वाहन भारत में होगा लेकिन यहां सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतें 10 प्रतिशत हैं.
इससे पहले कारों में ड्राइवर और फ्रंट सीट वाले पैसेंजर के लिए अनिवार्य डबल एयरबैग लागू करने में लगभग 3 साल लग गए. क्योंकि इससे पहले कार निर्माताओं को सिंगल एयरबैग अनिवार्य किए जाने से भी आपत्ति थी और वो तर्क देते थे कि सीट बेल्ट उनके सुरक्षा मानदंडों को पूरा कर रहे थे.
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