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'सालभर' में 1.58 लाख से ज्यादा टू-व्हीलर रोड एक्सीडेंट, 56 हजार से अधिक लोगों की मौत, सरकार ने दिए आंकड़े

एक रिपोर्ट में कहा गया है कि, भारत में हर साल लगभग 4,50,000 दुर्घटनाएं होती हैं. इन दुर्घटनाओं में लगभग 1,50,000 लोग मारे जाते हैं और कई हमेशा के लिए विकलांग या गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक यह दावा किया गया है कि भारत में हर घंटे 53 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं और हर चार मिनट में एक मौत होती है. इनमें से ज्यादातर रोड एक्सीडेंट में दोपहिया वाहन शामिल होते हैं...

Updated: March 31, 2022 9:07 AM IST

By India.com News Desk | Edited by Rajneesh

'सालभर' में 1.58 लाख से ज्यादा टू-व्हीलर रोड एक्सीडेंट, 56 हजार से अधिक लोगों की मौत, सरकार ने दिए आंकड़े
प्रतीकात्मक फोटो

Two-Wheeler Road Accidents: सड़क दुर्घटना किसी भी परिवार के लिए बहुत ही दुख देने वाला और आर्थिक झटका देने वाला होता है. कई बार पीड़ित की गलती होती है तो कई बार सामने वाले की गलती से बड़ा हादसा हो जाता है. आंकड़ों की बात करें तो परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने बुधवार को संसद में कहा कि साल 2020 में भारत में 1,58,964 दोपहिया वाहन सड़क दुर्घटनाओं का शिकार हुए. इन हादसों में 56,873 लोगों की जान चली गई.

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बात करें साल 2019 की तो केंद्रीय मंंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि पूरे भारत में दोपहिया वाहनों से जुड़ी 167,184 सड़क दुर्घटनाएं हुईं जिनमें 56,136 लोगों की मौत हुई. गडकरी ने आगे कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने एक बहु-आयामी रणनीति तैयार की है जो सड़कों और वाहनों की इंजीनियरिंग, प्रवर्तन और आपातकालीन देखभाल के आधार पर सड़क सुरक्षा के मुद्दे को लागू करेगी.

कई लोग हो जाते हैं विकलांग

भारत उन देशों में से एक है जहां सड़क दुर्घटनाओं के कारण सबसे ज्यादा मौतें होती हैं और गंभीर चोटें आती हैं. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि, भारत में हर साल लगभग 4,50,000 दुर्घटनाएं होती हैं. इन दुर्घटनाओं में लगभग 1,50,000 लोग मारे जाते हैं और कई हमेशा के लिए विकलांग या गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं.

‘हर चार मिनट में होती है एक मौत’

एक रिपोर्ट के मुताबिक यह दावा किया गया है कि भारत में हर घंटे 53 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं और हर चार मिनट में एक मौत होती है. इनमें से ज्यादातर रोड एक्सीडेंट में दोपहिया वाहन शामिल होते हैं.

सड़क हादसों के बढ़ने का कारण यातायात नियमों का पालन नहीं करना है. कई मामलों में सड़कों की खराब हालत के चलते रोड एक्सीडेंट होते हैं. इनमें से ज्यादातर सड़क दुर्घटनाएं नेशनल हाईवे पर होती हैं.

एक्सीडेंट को कम करने के प्रयास

दोपहिया वाहनों से जुड़े रोड एक्सीडेंट्स को रोकने की कोशिश में, MoRTH ने कई अलग-अलग कदम उठाए गए हैं. इसमें दोपहिया निर्माताओं से 125cc से ज्यादा इंजन क्षमता वाले सभी दोपहिया वाहनों में अनिवार्य तौर पर ABS (एंट्री ब्रेक सिस्टम) फीचर देने का नियम बनाना है.

दूसरा 125cc या उससे कम पावर वाले इंजन मॉडल में CBS (कॉम्बी-ब्रेकिंग सिस्टम) अनिवार्य रूप से दिया जाना आवश्यक होगा. यह आदेश 1 अप्रैल 2019 से लागू है.

कार निर्माताओं के लिए अनिवार्य नियम

चार पहिया वाहनों के एक्सीडेंट की स्थिति में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चिति करने के लिए कई नियम बनाए गए हैं. इसमें ड्राइवर और आगे वाले पैसेंजर के लिए एयरबैग को अनिवार्य बनाना, एबीएस विद ईबीडी को अनिवार्य बनाया गया है. इसके अलावा सरकार ने यातायात नियमों को तोड़ने के लिए जुर्माने की राशि में भी काफी बढ़ोतरी की है.

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