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तो क्या अब बिना बैटरी के मिलेंगे इलेक्ट्रिक वाहन? ये है पॉलिसी

काफी संभव है कि आने वाले समय में आप जब इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने जाएंगे तो आपको इलेक्ट्रिक स्कूटर या बाइक अलग से खरीदना पड़े और बैटरी अलग से खरीदना पड़े. ये होगा बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी के जरिए...तो क्या है बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी और क्या-क्या बदलाव देखने को मिल सकते हैं..

Published: April 24, 2022 7:59 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Rajneesh

तो क्या अब बिना बैटरी के मिलेंगे इलेक्ट्रिक वाहन? ये है पॉलिसी

लंबे समय से चर्चा में रही बैटरी स्वैपिंग नीति (Battery Swapping Policy) की चर्चा के बीच बीते गुरुवार नीति आयोग ने बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी का ड्राफ्ट जारी किया. इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पेश किए गए इस ड्राफ्ट में नीति आयोग ने इंसेंटिव के साथ-साथ स्वैपेबल बैटरी के लिए टेस्टिंग प्रोटोकॉल का सुझाव दिया है. ये मसौदा नीति ऐसे समय में आई है जब आए दिन इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने की घटनाएं आ रही हैं और इसको लेकर लोग चिंतित हैं.

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बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी के तहत पहले चरण में 40 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में बैटरी स्वैपिंग नेटवर्क डेवलप किए जाएंगे. दूसरे चरण में दूसरे प्रमुख शहरों में यह पॉलिसी लागू की जाएगी. राज्यों की राजधानी और 5 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहर इसमें शामिल होंगे. बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी में ऐसे शहरों को प्राथमिकता दी जाएगी, जहां टू-व्हीलर्स और थ्री-व्हीलर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है. नीति आयोग ने 5 जून तक इस मसौदे पर फीडबैक भी मांगा है. तो चलिए जान लेते हैं कि ये पॉलिसी कैसे काम करेगी..

बिना बैटरी वाहनों की बिक्री

इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की कीमत कम रखने के लिए सिफारिश की गई है कि बिना बैटरी वाहन के रजिस्ट्रेशन को मंजूरी दी जाए. ग्राहक अपनी सुविधा के हिसाब से इनमें बैटरी लगवा सकेंगे.

इसको आप कुछ ऐसे समझिए कि जैसे आपको बिना चार्जर या बिना ईयरफोन के फोन बेचा जा रहा है. संभव है कि इसमें कुछ ऐसा होगा कि बैटरी का एक डिजाइन फिक्स हो जाएगा और उसी डिजाइन में कंपनियां टू-व्हीलर में स्पेस देना शुरू कर देंगी और कई कंपनियां उसी डिजाइन की बैटरी बनाना शुरू कर देंगी. आप अपनी पसंद की कंपनी की बैटरी खरीद कर अपने टू-व्हीलर में लगा लें.

स्टेशन

कोई भी व्यक्ति, संस्था या कंपनी किसी भी लोकेशन पर बैटरी स्वैपिंग स्टेशन लगा सकेंगे. ऐसे स्टेशन पर टेक्नॉलॉजी, सेफ्टी और परफॉर्मेंस के मानक लागू करने होंगे.

टैक्स

जीएसटी काउंसिल को सलाह दी गई है कि ईवी की बैटरी और पुर्जों पर टैक्स की दरों में अंतर कम करे. बैटरी पर अभी 18% जीएसटी है, जबकि ईवी पर सिर्फ 5% टैक्स वसूला जाता है. ऐसे में संभव है कि बैटरी पर भी टैक्स कम हो जाए.

बैटरी स्वैपिंग पर भी वही प्रोत्साहन लागू हो, जो फिक्स्ड बैटरी ईवी को मिलते हैं. इन्सेंटिव का आकार बैटरी की किलोवाट आवर (केडब्ल्यूएच) रेटिंग से तय किया जा सकता है.

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Published Date: April 24, 2022 7:59 PM IST