
पेट्रोल, डीजल और CNG की जगह ले लेंगे इलेक्ट्रिक, हाइड्रोजन और फ्लेक्स फ्यूल वाले वाहन?
पेट्रोल-डीजल और CNG की कीमतें आए दिन बढ़ती ही जा रही हैं और इससे लोगों की जेब पर भारी बोझ बढ़ रहा है. हालांकि पेट्रोल के मुकाबले डीजल हमेशा सस्ता रहा है और डीजल गाड़ियां पेट्रोल गाड़ियों के मुकाबले माइलेज भी ज्यादा देती हैं लेकिन अब कई कार निर्माता डीजल इंजन वाली कारों को बंद करने के प्रयास में हैं. मारुति सुजुकी तो ऐसी कंपनी बन गई है जो डीजल इंजन वाली कार बनाना ही बंद कर चुकी है.

पेट्रोल-डीजल और CNG की कीमतें आए दिन बढ़ती ही जा रही हैं और इससे लोगों की जेब पर भारी बोझ बढ़ रहा है. हालांकि पेट्रोल के मुकाबले डीजल हमेशा सस्ता रहा है और डीजल गाड़ियां पेट्रोल गाड़ियों के मुकाबले माइलेज भी ज्यादा देती हैं लेकिन अब कई कार निर्माता डीजल इंजन वाली कारों को बंद करने के प्रयास में हैं. मारुति सुजुकी तो ऐसी कंपनी बन गई है जो डीजल इंजन वाली कार बनाना ही बंद कर चुकी है. इसके पीछे की वजह डीजल कारों से होने वाले प्रदूषण को कम करना. क्योंकि डीजल इंजन वाले वाहन पेट्रोल इंजन वाले वाहनों की तुलना में ज्यादा प्रदूषण करते हैं. इसके बाद प्रदूषण के मामले में पेट्रोल और फिर CNG वाहन आते हैं. अब इनके विकल्प के तौर पर फिलहाल तो इलेक्ट्रिक कारें और बाइक हैं लेकिन महंगी कीमत, रेंज लिमिट और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के चलते अभी लोग इलेक्ट्रिक वाहनों में इंट्रेस्ट कम दिखा रहे हैं. तो क्या भविष्य में सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहन ही चलेंगे…तो चलिए बात करते हैं कि पेट्रोल, डीजल और CNG के विकल्प के तौर पर हमारे सामने क्या है या फिर आने वाले समय में क्या विकल्प हो सकते हैं..
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इलेक्ट्रिक व्हीकल
हालांकि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि आने वाले 2 सालों में इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehicles) की कीमतें कम हो जाएंगी. सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Road Transport Minister Nitin Gadkari) ने मंगलवार को कहा कि प्रौद्योगिकी और ग्रीन एनर्जी में तेजी से प्रगति से इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत कम होगी और अगले दो वर्षों में वे पेट्रोल (Petrol) से चलने वाले वाहनों के बराबर हो जाएंगे.
फिलहाल इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री पर सबसे ज्यादा असर उनकी कीमतों का है. इससे निपटने के लिये सरकार खरीद पर कई तरह की छूट दे रही है. हालांकि सरकार और इंडस्ट्री मान रही है कि जैसे जैसे सड़कों पर इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ेगी, इलेक्ट्रिक व्हीकल की लागत में कमी आएगी और इलेक्ट्रिक व्हीकल इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार देखने को मिलेगा.
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि अधिकतम दो वर्षों के भीतर इलेक्ट्रिक स्कूटर, कार, ऑटोरिक्शा की कीमत पेट्रोल से चलने वाले स्कूटर, कार, ऑटोरिक्शा के समान होगी. लिथियम-आयन बैटरी की कीमतें कम हो रही हैं. हम जिंक-आयन, एल्यूमीनियम-आयन, सोडियम-आयन बैटरी की तकनीकों को विकसित कर रहे हैं. केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि अगर आप पेट्रोल पर 100 रुपये खर्च कर रहे हैं, इतने ही इस्तेमाल के लिये इलेक्ट्रिक वाहन पर आपको सिर्फ 10 रुपये खर्च करने होंगे.
हाइड्रोजन व्हीकल
इलेक्ट्रिक वाहनों के अलावा अन्य विकल्प की बात करें तो गडकरी ने हाल ही में सांसदों से परिवहन के लिए हाइड्रोजन तकनीक अपनाने का आग्रह करते हुए उन्हें अपने-अपने जिलों में सीवेज के पानी को हरित हाइड्रोजन बनाने के लिए पहल करने को कहा. उन्होंने कहा कि हाइड्रोजन जल्द ही सबसे सस्ता ईंधन विकल्प होगा.
फ्लेक्स फ्यूल इंजन
इलेक्ट्रिक, हाइड्रोजन के अलावा एक तीसरा विकल्प लोगों के पास होगा फ्लेक्स फ्यूल इंजन. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि ऑटोमोबाइल कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों ने उनसे वादा किया है कि वे छह महीने के भीतर फ्लेक्स-फ्यूल वाहनों का विनिर्माण शुरू कर देंगे. आपको बता दें कि फ्लेक्स-फ्यूल इंजन एक से अधिक प्रकार के ईंधन से चलने में सक्षम होते हैं. उन्होंने कहा कि टीवीएस मोटर और बजाज ऑटो जैसी कंपनियों ने पहले ही दोपहिया और तिपहिया वाहनों के लिए फ्लेक्स-फ्यूल इंजन का विनिर्माण शुरू कर दिया है.
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