Bihar News: बिहार में अब तक गंगा नदी से निकाले गए 73 शव, नीतीश के मंत्री ने कहा-ये हमारे नहींं, यूपी से बहकर आए

Bihar News: बिहार के बक्सर जिले में गंगा नदीं में शवों के बहकर आने का सिलसिला जारी है. अब तक गंगा नदी से 73 शव निकाले गए, नीतीश के मंत्री ने कहा है कि ये हमारे नहींं, यूपी से बहकर आए हैं.

Updated: May 12, 2021 10:26 AM IST

By Kajal Kumari

Bihar News: बिहार में अब तक गंगा नदी से निकाले गए 73 शव, नीतीश के मंत्री ने कहा-ये हमारे नहींं, यूपी से बहकर आए

Bihar News: बिहार के बक्सर जिले में गंगा नदी में कई शव तैरते दिखे, जिसके बाद हड़कंप मच गया. उसके बाद यूपी के गाजीपुर में भी गंगा में शव उफनाते दिखे. शवों के इस तरह नदी में बहकर आने पर कोर्ट ने भी संज्ञान लिया जिसके बाद बिहार में गंगा से शव निकाले जाने का सिलसिला जारी है. बिहार सरकार (Bihar Government) के मुताबिक बक्सर जिले में गंगा से अबतक कुल 73 शव निकाले जा चुके हैं. माना जा रहा है कि ये कोरोना वायरस (Coronavirus) से मरने वालों के शव हैं. संभावना जताई जा रही है कि संभवतः अंतिम संस्कार नहीं करके ये शव गंगा नदी में प्रवाहित किए गए. शवों को निकालने के बाद चौसा गांव के महादेव घाट पर जेसीबी से खुदाई कर शव दफनाए जा रहे हैं.

नीतीश के मंत्री ने कहा-ये हमारे नहीं, ‘यूपी से बहकर आए हैं’
बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने शवों के गंगा नदी में मिलने की चर्चा करते हुए कहा कि 4-5 दिन पुराने क्षत-विक्षत ये शव पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से बहकर बिहार आए हैं, ये बिहार के नहीं हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को इतनी संख्या में शव बरामद होने और नदी में उन्हें प्रवाहित किए जाने से तकलीफ पहुंची है क्योंकि वह गंगा नदी की स्वच्छता और निर्बाध प्रवाह को लेकर हमेशा चिंतित रहे हैं.

रानीघाट पर गंगा में लगाया गया है जाल, निकाले जा रहे शव
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने जिला प्रशासन को नदी किनारे गश्त बढ़ाने को कहा है ताकि इसकी पुनरावृत्ति न हो. झा ने ट्वीट किया, ‘उत्तर प्रदेश और बिहार के सीमावर्ती रानीघाट पर गंगा में जाल लगाया गया है. हमने उत्तर प्रदेश प्रशासन को सतर्क रहने की सलाह दी है. हमारा प्रशासन भी सतर्कता बरत रहा है.’

इस बीच बक्सर के अनुमंडल अधिकारी के के उपाध्याय ने बताया कि सीमा पर लगाए गए जाल के समीप उत्तर प्रदेश की ओर से मंगलवार को दो अन्य शव नदी में बहते हुए आए हैं, जिनके अंतिम संस्कार का प्रबंध सीमा पर ही किया गया.

‘मृतकों में से कोई भी बिहार का नहीं’
दावा किया गया कि ये शव उन कोरोना पीड़ितों के हैं जिनके परिवार के सदस्यों द्वारा गरीबी के कारण और संसाधन के अभाव में शव को छोड़ दिया गया या सरकारी कर्मी इस डर से कि वे स्वयं संक्रमण की चपेट में न आ जाएं, शवों को नदी में फेंक कर फरार हो गए. चौसा के प्रखंड विकास अधिकारी अशोक कुमार ने मृतकों में से किसी के भी बक्सर जिला का निवासी होने से इनकार किया है.

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