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Bihar Assembly Election 2020: बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान शुक्रवार को हो चुका है. वैसे तो सभी राजनीतिक पार्टियां अब जोर-शोर से चुनाव की तैयारियों में लगी हुई हैं, लेकिन चुनाव को लेकर बिहार में दोनों गठबंधनों में सीटों का बंटवारा अबतक नहीं हुआ है. सीटों के बंटवारे से पहले ही नेताओं का इस गठबंधन को छोड़कर उस गठबंधन में जाने का क्रम भी जारी है. सीटों के बंटवारे और मनपसंद सीट को लेकर दोनों गठबंधनों में हंगामा तय है.
इस बार के चुनाव में राजनीतिक समीकरण बदले हुए हैं क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव में जदयू- राजद-कांग्रेस के महागठबंधन ने भारी मतों से जीत दर्ज की थी तो वहीं राजग की हार हुई थी. इस बार राजग में बदले समीकरण में कुछ सीटों का बंटवारा और उम्मीदवारों का नाम तय करने में भारी परेशानी हो सकती है. जानकारी के मुताबिक जदयू-भाजपा के बीच अब तक 49 सीटें ऐसी चिह्नित हुई हैं, जहां साल 2015 के चुनाव में दोनों ने एक -दूसरे को पटकनी दी थी.
वहीं, कुछ दिनों पहले राजद से नाता तोड़कर जदयू में शामिल हुए सात विधायकों के कारण अब इन सीटों पर किसकी दावेदारी हो, इस पर भी पेंच फंस सकता है. इस तरह एनडीए में सीट बंटवारे में अभी 56 सीटें ऐसी हैं जिनके बंटवारे में परेशानी हो सकती है. हालांकि दोनों दलों की तरफ से कहा जा रहा है कि सीटों के बंटवारे को लेकर कोई विवाद नहीं है, इन सीटों का बंटवारा दोनों दलों के आलानेता मिल-बैठकर कर लेंगे.
दरअसल, साल 2015 के विधानसभा चुनाव में जहां जदयू ने भाजपा को 27 सीटों पर चुनाव में हराया था तो भाजपा ने जदयू को 22 सीटों पर शिकस्त दी थी. अब इस बदले समीकरण में दोनों दल इस बार के चुनाव में एकसाथ मैदान में उतर रहे हैं. ऐसे में पिछली बार जिन सीटों पर जदयू-भाजपा एक-दूसरे के खिलाफ थे, उस पर किसकी दावेदारी होगी, इस पर मंथन हो रहा है.
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