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Bihar Crime News: पाप की सजा ऐसी कि सुनने वाले की भी रूह कांपे, 6 साल की बच्ची से दुष्कर्म मामले में कोर्ट ने कहा

बिहार के अररिया जिले में 6 साल की बच्ची से दुष्कर्म के आरोपी को कोर्ट ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सजा का ऐलान किया है, जिसमें उसे तबतक फांसी पर लटकाए रखने का आदेश दिया गया है जबतक कि उसकी सांसें ना रुक जाएं.

Published: January 28, 2022 4:26 PM IST

By Kajal Kumari

Bihar Crime News: पाप की सजा ऐसी कि सुनने वाले की भी रूह कांपे, 6 साल की बच्ची से दुष्कर्म मामले में कोर्ट ने कहा
minor girl

Bihar Crime News: अररिया जिले की अदालत ने दुष्कर्म मामले में अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया है, जिसे सुनकर ऐसा पाप करने वालों की रूह कांप जाए. कोर्ट ने 6 साल की एक नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के आरोपी को सिर्फ 4 दिनों की ट्रायल में ही फांसी की सजा सुनाई है. पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज किए गए इस मामले में अररिया कोर्ट ने जल्द एक्शन लेते हुए ये फैसला सुनाया है, जिसमें भरगामा के वीरनगर पश्चिम में 6 साल की एक नाबालिग से दुष्कर्म का मामला सामने आया था. कोर्ट ने सजा सुनाते हुए कहा कि आरोपी को तबतक फांसी पर लटकाकर रखा जाए जब तक कि उसकी आखिरी सांस ना रूक जाए.

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अररिया के स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने दुष्कर्म के इस मामले में मात्र चार दिन की ट्रायल में फांसी की सजा सुनाई है. मामला भरगामा थाना क्षेत्र के वीरनगर पश्चिम का है, जहां एक दिसंबर को गांव के मेजर नाम के एक दबंग युवक ने छह साल की मासूम को अगवा कर उसके साथ दुष्कर्म की जघन्य घटना को अंजाम दिया था. इस शर्मनाक दुष्कर्म मामले में स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने आरोपी मेजर को फांसी की सजा सुनाई है.

न्यायाधीश शशिकांत राय की कोर्ट ने सजा सुनाते हुए कहा कि आरोपी को तबतक फांसी पर लटकाए रखना जबतक कि इसकी सांसें नहीं रूक जातीं. आरोपी को ये सजा सुनाने के साथ ही कोर्ट ने पीड़िता को विक्टिम कम्पनसेशन फंड से डीएलएसए सचिव को दस लाख रुपए के आर्थिक मदद करने का आदेश भी दिया है. सिविल कोर्ट के एडीजे शशिकांत राय की कोर्ट के संज्ञान में ये मामला इसी साल 20 जनवरी को आया था. इस मामले में 22 जनवरी को आरोप तय किया गया और फिर उसके बाद 27 जनवरी को सजा सुनाई गई है.

आरोपी मेजर नाम के दबंग युवक ने छह साल की बच्ची से पीने के लिए पानी मंगवाने के बहाने अगवा कर इस दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था और फिर दरिंदगी के बाद उसे घर के पास लाकर फेंक दिया था. इस दरिंदगी की कहानी स्थानीय लोगों ने गुप्त तौर पर तत्कालीन एसपी हृदयकान्त को दी थी.जिसके बाद एसपी ने कार्रवाई करते हुए सदर एसडीपीओ पुष्कर कुमार के साथ महिला थानाध्यक्ष और भरगामा थानाध्यक्ष को गांव भेजकर एफआईआर के साथ मासूम का मेडिकल ट्रीटमेंट कराया था.

मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से ही आरोपी मेजर फरार था. लेकिन पुलिस की दबिश के बाद वह कोर्ट में सरेंडर करने अररिया पहुंचा. जिसके बाद मेजर को पुलिस ने चांदनी चौक से गिरफ्तार कर लिया था और महिला थानाध्यक्ष रीता कुमारी ने पीड़िता और घर वालों के बयान, मेडिकल रिपोर्ट और अनुसंधान में घटना को सही पाते हुए 12 जनवरी 2022 को आरोप पत्र दाखिल किया था.

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Published Date: January 28, 2022 4:26 PM IST