
बिहार में IAS अधिकारी ने बैठक के दौरान अभद्र भाषा का किया इस्तेमाल, Viral हो गया वीडियो
बिहार प्रशासनिक सेवा संघ के सदस्यों ने राज्य के वरिष्ठ IAS अधिकारी केके पाठक पर एक बैठक के दौरान उनके और बिहार के लोगों के खिलाफ कथित रूप से अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है.

बिहार प्रशासनिक सेवा संघ के सदस्यों ने राज्य के वरिष्ठ IAS अधिकारी केके पाठक पर एक बैठक के दौरान उनके और बिहार के लोगों के खिलाफ कथित रूप से अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. संघ के एक पदाधिकारी ने कहा कि उन्होंने अपर मुख्य सचिव रैंक के अधिकारी पाठक के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है. संघ के सदस्य शुक्रवार को अपने संघ का पंजीकरण रद्द किए जाने के विरोध में काला बिल्ला लगाएंगे. पाठक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में उपस्थित अधिकारियों के खिलाफ अभद्र भाषा का उपयोग करते हुए देखा जा सकता है.
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बिहार प्रशासनिक सेवा संघ के महासचिव सुनील कुमार तिवारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘पाठक सरकारी अधिकारियों और राज्य के लोगों के खिलाफ उग्र लग रहे थे.’ पाठक वर्तमान में अपर मुख्य सचिव, मद्यनिषेध आबकारी एवं निबंधन विभाग और बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान के महानिदेशक के पद पर आसीन हैं. बिहार कैडर के 1990 बैच के IAS अधिकारी पाठक बार-बार के प्रयासों के बावजूद उनकी टिप्पणियों के लिए उपलब्ध नहीं हो सके. हालांकि बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान ने एक बयान में कहा है कि महानिदेशक ने संघ अधिकारियों के खिलाफ कुछ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करने के लिए खेद व्यक्त किया है.
वायरल वीडियो में पाठक बिहार की राजधानी पटना की ट्रैफिक समस्या के बारे में बात करते नजर आ रहे हैं. क्लिपिंग में पाठक का अभद्र भाषा का प्रयोग करते यह बोलते हुए देखा जा सकता है कि टक्या कभी किसी को सड़क पर सिग्नल लाल होने पर हॉर्न बजाते देखा है, लेकिन पटना के बेली रोड पर रेड लाइट पर लोग हॉर्न बजाते रहते हैं. चेन्नई में लोग नियमों का पालन करते हैं. मैं डिप्टी कलेक्टरों को फटकार लगाऊंगा.’
तिवारी ने दावा किया कि पाठक संघ के पदाधिकारियों से नाराज थे, क्योंकि पिछले साल नवंबर में गया में परिवीक्षाधीन डिप्टी कलेक्टरों के लिए बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान द्वारा आयोजित एक प्रशिक्षण सत्र के दौरान ‘कुप्रबंधन’ के कारण उन्होंने उनका विरोध किया था. महासचिव ने दावा किया कि वहां एक प्रशिक्षु की मौत भी हो गई थी. उन्होंने कहा कि विरोध के बाद पाठक बिहार प्रशासनिक सेवा संघ और प्रशिक्षु डिप्टी कलेक्टरों से नाराज हो गए और उन्होंने संघ का पंजीकरण रद्द कर दिया.
(इनपुट: भाषा)
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