
Chirag Paswan को अब LJP के अध्यक्ष पद से भी हटाया गया, Surajbhan Singh को मिली जिम्मेदारी
Bihar News Update: LJP ने पार्टी ने सूरजभान सिंह को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है. इसके साथ ही उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए चुनाव कराने का प्रभार भी दिया है.

Bihar News Update: अपनी ही पार्टी में अलग-थलग पड़े लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के नेता चिराग पासवान (Chirag Paswan) को आज मंगलवार को अध्यक्ष पद से भी हटा दिया गया. पार्टी ने सूरजभान सिंह (Surajbhan Singh) को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है. इसके साथ ही उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए चुनाव कराने का प्रभार भी दिया है.
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इधर बिहार में विपक्षी दलों ने चिराग पासवान को अपनी तरफ आकर्षित करना शुरू कर दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के विभायक भाई बीरेंद्र ने कहा कि मौजूदा हालात में अनुकूल है कि चिराग पासवान और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) एक साथ आएं. चिराग पासवान को तेजस्वी यादव को बिहार का सीएम बनाने में मदद करनी चाहिए और खुद राष्ट्रीय राजनीति संभालनी चाहिए.
Chirag Paswan has been removed from the post of national president of Lok Janshakti Party (LJP) pic.twitter.com/LwWc6zyxRU
— ANI (@ANI) June 15, 2021
उन्होंने कहा- आम लोगों का मानना है कि एलजेपी में जो कुछ हुआ, उसके बाद दोनों नेता चिराग और तेजस्वी एक साथ आएं और भविष्य की राजनीति करें. चिराग को तेजस्वी यादव को सीएम बनाने में मदद करनी चाहिए और खुद राष्ट्रीय राजनीति संभालनी चाहिए.
इसी बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और एमएलसी प्रेम चंद्र मिश्रा ने भी चिराग पासवान को कांग्रेस में शामिल होने की खुली पेशकश की है. उन्होंने कहा- ये सही समय है कि चिराग पासवान कांग्रेस और महागठबंधन में शामिल हों और भाजपा व जेडीयू को उनका स्थान दिखाएं. उनके पार्टी में शामिल होने से कांग्रेस मजबूत होगी.
मालूम हो कि एलजेपी प्रमुख को उस समय तगड़ा झटका लगा जब पार्टी के छह लोकसभा सांसदों में से पांच ने उनके खिलाफ बगावत कर दी. इस बगावत का नेतृत्व लोकसभा सांसद और रामविलास पासवान के छोटे भाई पशुपति पारस (Pashupati paras) ने किया. पशुपति पारस, चिराग के चाचा हैं और हाजीपुर से सांसद हैं.
इसमें एलजेपी के चार सांसद चंदन सिंह, वीना देवी, महबूब अली, कैसर और प्रिंस राज शामिल हैं. सभी ने पारस को पार्टी का संसदीय बोर्ड के नेता के रूप में समर्थन दिया है. इस घटनाक्रम के बाद पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान अलग-थलग पड़ गए हैं.
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