
चिराग पासवान ने 'जहरीली शराब' को लेकर राज्यपाल को लिखी चिट्ठी, बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की
Chirag Paswan: एलजेपी रामविलास पासवान के प्रमुख चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने शुक्रवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का कई मुद्दों पर घेराव करते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन (President rule in Bihar) लगाने की मांग की.

Chirag Paswan: एलजेपी रामविलास पासवान के प्रमुख चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने शुक्रवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का कई मुद्दों पर घेराव करते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन (President rule in Bihar) लगाने की मांग की. पासवान ने कहा कि बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए ताकि अवैध शराब के सेवन से लोगों की मौत को रोका जा सके. उन्होंने बीजेपी के साथ बिगड़ते रिश्तों को लेकर भी तंज कसा. चिराग (Chirag Paswan) ने कहा कि नीतीश कुमार जानबूझकर पेगासस (Pegasus), जाति जनगणना (Caste Census), जनसंख्या नियंत्रण बिल (Population Control Bill) और बिहार को विशेष दर्जे (Special Status) जैसे मुद्दों पर अपनी राय जाहिर करते हैं. इन मुद्दों पर BJP पहले ही अपना रुख साफ कर चुकी है. वो शायद विपक्ष में शामिल होकर पीएम (PM) पद के दावेदार बनना चाहते हैं.
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CM Nitish Kumar intentionally raises issues like Pegasus, caste census, population control bill & special status to Bihar on which BJP’s stand is already clear. He probably wants to be a contender for PM’s post by joining the Opposition: LJP (Ram Vilas) chief Chirag Paswan(21.01) pic.twitter.com/Tj4vtMR6c1
— ANI (@ANI) January 21, 2022
उन्होंने कहा कि नीतीश जी बताएं कि और कितनी मौतों का इंतजार कर रहे हैं, आपके गृह जिले में ही 12 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई, उन्होंने कहा कि यह सब खेल शासन, प्रशासन की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है. चिराग ने कहा, शराब तस्कारों को शासन, प्रशासन का संरक्षण मिल रहा है. बिहार में शराबबंदी के अलावा और किसी बात की चर्चा नहीं होती है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री से कानून व्यवस्था नहीं संभल रही है. अब समय आ गया है कि अब राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाए.
शराबबंदी के समर्थन करने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि शराबबंदी का हम भी समर्थन करते हैं, लेकिन शराब कहीं बंद नहीं है. जहरीली शराब पीने से मौत हो रही है. वहीं इससे पहले हम के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा था कि प्रधानमंत्री तीन कृषि कानूनों को वापस ले सकते हैं, तो शराबबंदी कानून पर समीक्षा नहीं करना कहां तक उचित है. उन्होंने कहा था कि शराब बंद करना सिर्फ कहा जा सकता है व्यवहारिक तौर पर इसे लागू नहीं किया जा सकता.
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