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पटना: राज्यसभा के लिए नामांकन में महज दो दिन बचे हैं, जनता दल-युनाइटेड ने अभी तक अपना उम्मीदवार तय नहीं किया है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने रविवार शाम चार बजे पटना में पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता की, लेकिन उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की. सिंह और कुशवाहा ने मामले पर चर्चा की और फिर ललन सिंह मुख्यमंत्री आवास गए, लेकिन उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की. पूछे जाने पर ललन सिंह ने कहा, “मुझे राज्यसभा के लिए उम्मीदवार के नाम की जानकारी नहीं है, इसलिए मैं आपको (मीडिया के लोगों) कैसे बता सकता हूं. जैसे ही कोई फैसला होगा, हम आपको बताएंगे.”
सूत्रों ने बताया है कि आरसीपी सिंह का जद (यू) नेताओं के लिए मुश्किल भरा मामला बनता जा रहा है. पार्टी नेताओं ने सर्वसम्मति से सीएम नीतीश कुमार को फैसला लेने की शक्ति दी है. वह जो भी निर्णय लेंगे, उन्हें सभी स्वीकार करेंगे. नीतीश कुमार ने भी तय नहीं किया है कि आरसीपी सिंह या किसी और को राज्यसभा भेजा जाए.
बैठक के दौरान एमएलसी और जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि जो भी जेडीयू का उम्मीदवार होगा, उसे दमदार और शानदार नेता होना चाहिए, लेकिन जब नाम के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. हालांकि सूत्रों का कहना है कि आरसीपी सिंह अभी भी राज्यसभा के टिकट के लिए सबसे आगे चल रहे हैं. एक समय जद (यू) में नीतीश कुमार के बाद आरसीपी सिंह को कद्दावर नेता माना जाता है. पिछले साल केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल के दूसरे विस्तार के बाद, नीतीश कुमार ने सिंह को भाजपा के साथ सौदेबाजी करने और पार्टी के लिए दो कैबिनेट और दो राज्य मंत्रालय विभागों की मांग करने के लिए अधिकृत किया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. राज्यसभा चुनाव के लिए बिहार में 5 सीटें हैं और भाजपा, राजद और जद-यू की ताकत के हिसाब से पहले दो दलों को दो सीटें मिलेंगी, जबकि जद-यू को एक सीट मिल सकती है.
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