रामविलास पासवान नहीं चाहते राममंदिर पर अध्यादेश, सबरीमला में महिलाओं की इंट्री को समर्थन

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सहयोगी दलों के बीच एका नहीं दिखती है.

Updated: January 3, 2019 6:48 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Ramendra Nath Jha

Ramvilas Paswan
Ramvilas Paswan

नई दिल्ली. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में ऊपरी तौर पर भले ही मनमुटाव खत्म कर लिए गए हों, लेकिन विभिन्न मुद्दों पर गठबंधन के सहयोगी दलों के बीच की राय में एका नहीं दिखती है. साल 2019 के पहले दिन पीएम मोदी ने एक समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में राम मंदिर अध्यादेश के मसले पर कहा कि न्यायिक प्रक्रिया खत्म होने तक सरकार इस पर कुछ नहीं करेगी. वहीं, गठबंधन के सहयोगी दल लोक जनशक्ति पार्टी के नेता और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का कहना है कि वे अध्यादेश का समर्थन नहीं करेंगे. यही नहीं, पासवान ने केरल के सबरीमला स्थित भगवान अयप्पा के मंदिर में महिलाओं की इंट्री के मामले में भी अपने सहयोगी दल भाजपा के विपरीत रुख रखा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लोजपा महिलाओं के साथ भेदभाव के खिलाफ है. इसलिए वह सबरीमला के मामले में भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले का समर्थन करती है. आपको बता दें कि रामविलास पासवान से पहले जदयू नेता और बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने भी राम मंदिर पर अध्यादेश का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को ही सर्वमान्य बताने की वकालत की थी.

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केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने गुरुवार को राम मंदिर मुद्दे पर अध्यादेश का विरोध करते हुए कहा कि मामले में उच्चतम न्यायालय का निर्णय अंतिम होना चाहिए. लोजपा के अध्यक्ष ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राम मंदिर के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय जो भी निर्णय दे, वह सभी को स्वीकार्य होना चाहिए, चाहे वे हिंदू हों, मुस्लिम हों या अन्य समुदाय के लोग हों. हमारा रुख एक समान रहा है. प्रधानमंत्री ने जब कहा कि हम उच्चतम न्यायालय के निर्णय का इंतजार करेंगे तो सभी अगर-मगर खत्म हो जाना चाहिए.’’ यह पूछने पर कि इस मुद्दे पर क्या वह अध्यादेश का समर्थन करेंगे तो पासवान ने कहा कि उनका रुख एकसमान रहा है और वह इसका समर्थन नहीं करेंगे.

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा था कि इस मुद्दे पर सरकार कोई निर्णय नहीं करेगी जब तक कि न्यायिक प्रक्रिया खत्म नहीं हो जाती है. पीएम के मंतव्य से उलट विश्व हिंदू परिषद् जैसे हिंदुवादी समूह अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने की मांग करते रहे हैं. विहिप के अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख ने भी सार्वजनिक तौर पर कहा था कि सरकार को राम मंदिर के मामले में जल्द से जल्द अध्यादेश लाना चाहिए और अयोध्या में भव्य मंदिर का निर्माण कराना चाहिए. लोजपा अध्यादेश का विरोध करने वाली भाजपा की दूसरी बड़ी सहयोगी है. इससे पहले हाल में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि विवादास्पद मुद्दे को या तो अदालत के फैसले के माध्यम से या फिर विभिन्न समूहों के बीच परस्पर सहमति से हल किया जाना चाहिए.

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सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के मामले में चल रहे विवाद के बीच केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने अपने सहयोगी दल भाजपा के उलट विचार रखते हुए कहा है कि वह इस मंदिर को लेकर दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का समर्थन करते हैं. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक पासवान ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अपना फैसला दे चुकी है और अभी दो महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश कर भगवान का दर्शन भी किया है. क्या उन्हें सरकार ने दर्शन करने से रोका? मेरा मानना है कि महिलाओं के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए. आज महिलाएं अंतरिक्ष में जा रही हैं, ऐसे में हम उन्हें मंदिर में क्यों नहीं प्रवेश करने दे सकते हैं.’

(इनपुट – एजेंसी)

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