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आज टाटा समूह को सौंपी जा सकती है एयर इंडिया, जानें- कब से की जा रही थी AI का निजीकरण करने की कोशिश

आज टाटा समूह को सौंपी एयर इंडिया की कमान जा सकती है. एयर इंडिया के निजीकरण की पहली कोशिश 2001 में की गई थी. उस समय देश के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे. लेकिन निजीकरण की पूरी प्रक्रिया का अंत 2021 अक्टूबर में पूरा किया गया.

Updated: January 27, 2022 8:34 AM IST

By Manoj Yadav

Air India
Tata Sons statement: Air India board met this afternoon to consider candidature of Ilker Ayci

Air India | Tata Group: एयर इंडिया (Air India) के गुरुवार को टाटा समूह (Tata Group) को सौंपे जाने की उम्मीद है. टाटा समूह (Tata Group) को सौंपने से राष्ट्रीय वाहक के निजीकरण की दो दशक से अधिक लंबी यात्रा आज समाप्त हो जाएगी. एयर इंडिया के आठ दशकों के बाद टाटा समूह में वापसी किए जाने की उम्मीद है, जिसमें एयरलाइन ने कई उतार-चढ़ाव देखे. केंद्र सरकार, विनिवेश प्रक्रिया को पूरा करने के लिए, आज एयरलाइन को टाटा समूह को सौंपने की उम्मीद है.एयर इंडिया (Air India) के निजीकरण का पहला प्रयास 2001 में किया गया था. यह उस समय किया गया था, जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे. लेकिन उस समय बोली सफल नहीं हो पाई थी.

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तब से, केंद्र की सरकारें राष्ट्रीय वाहक में अपनी हिस्सेदारी का विनिवेश करने की कोशिश करती रहीं लेकिन आखिरकार सफलता अक्टूबर 2021 में मिली.

निजीकरण के पिछले प्रयासों पर एक नज़र डालें-

  1. 2001: अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ने धन जुटाने के लिए अल्पमत हिस्सेदारी (40 प्रतिशत) बेचने की कोशिश की.
  2. टाटा के साथ सिंगापुर एयरलाइंस की हिस्सेदारी खरीदने में दिलचस्पी थी, लेकिन योजना अमल में नहीं लाई जा सकी.
  3. 2007: कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने पिछले दशकों में एयरलाइन द्वारा किए गए वित्तीय नुकसान को रोकने के लिए एयर इंडिया और उसकी सहायक इंडियन एयरलाइंस का विलय करने का फैसला किया.
  4. 2011: यूपीए सरकार एयर इंडिया में इक्विटी फंडिंग में 30,000 करोड़ रुपये डालने पर सहमत हुई.सरकार का यह कदम एयरलाइन को अपने कर्मचारियों को वेतन देने की अनुमति देने के लिए था.
  5. जून 2017: सरकार ने एयर इंडिया के निजीकरण को मंजूरी दी.
  6. मार्च 2018: एयर इंडिया एक्सप्रेस के साथ राष्ट्रीय वाहक की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी और ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट जारी किया गया.
  7. कर्ज में डूबी एयरलाइन को खरीदने में किसी भी निजी फर्म ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई.
  8. जनवरी 2020: सरकार ने पूरी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया और बोली लगाने वालों को आमंत्रित करने के लिए एक ईओआई जारी किया. कोविड -19 महामारी ने इस प्रक्रिया को और विलंबित कर दिया.
  9. अक्टूबर 2021: केंद्र ने घोषणा की कि टाटा समूह की ₹18,000 करोड़ की बोली सफल रही.

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Published Date: January 27, 2022 8:26 AM IST

Updated Date: January 27, 2022 8:34 AM IST