
Big News: बदल गया महंगाई भत्ते के कैलकुलेशन का फॉर्मूला, जानें- अब किस तरह से की जाएगी गणना?
Big News: केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ते की गणना का फॉर्मूला बदल दिया है. सामान्यतया हर 6 महीने में, जनवरी और जुलाई में महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) में बदलाव किया जाता है. महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) की मौजूदा दर को मूल वेतन (Basic Pay) से गुणा कर महंगाई भत्ते की रकम निकाली जाती है.

Big News | 7th Pay Commission today: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर आ रही है. महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) की गणना में बड़ा बदलाव किया गया है. केंद्र सरकार के श्रम मंत्रालय (Ministry of Labour and Employment) ने महंगाई भत्ते के कैलकुलेशन का फॉर्मूला बदल दिया है. महंगाई भत्ते के आधार वर्ष (Base Year) 2016 में बदलाव किया गया है. श्रम मंत्रालय ने मजदूरी दर सूचकांक (WRI-Wage Rate Index) की एक नई सीरीज जारी की है.
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श्रम मंत्रालय ने बताया कि आधार वर्ष 2016=100 के साथ WRI की नई सीरीज 1963-65 के आधार वर्ष की पुरानी सीरीज की जगह लेगी. यानी अब महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) का कैलकुलेशन (7th Pay Commission Update) का तरीका बदल जाएगा.
आधार वर्ष बदलती है सरकार
महंगाई के आंकड़ों के आधार पर सरकार समय-समय पर प्रमुख आर्थिक संकेतकों के लिए आधार वर्ष (Base Year) में संशोधन करती है. अर्थव्यवस्था में आने वाले बदलाव के आधार पर यह किया जाता है, जिसमें मजदूरों के वेज पैटर्न को शामिल किया जाता है. अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO), राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (National Statistical Commission) की सिफारिशों के मुताबिक, दायरा बढ़ाने और सूचकांक को ज्यादा बेहतर बनाने के लिए मजदूरी दर सूचकांक का आधार वर्ष 1963-65 से बदलकर 2016 किया गया है.
जानें- कैसे किया जाता है महंगाई भत्ते का कैलकुलेशन?
सामान्यतया हर 6 महीने में, जनवरी और जुलाई में महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) में बदलाव किया जाता है. महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) की मौजूदा दर को मूल वेतन (Basic Pay) से गुणा कर महंगाई भत्ते की रकम निकाली जाती है.
जानें- क्या होता है महंगाई भत्ता?
सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) उनके जीवन स्तर को (Cost of Living) को बेहतर बनाने के लिए सरकार द्वारा दिया जाता है. कर्मचारियों को यह पैसा इसलिए दिया जाता है, ताकि महंगाई बढ़ने के बाद भी कर्मचारी के रहन-सहन पर असर न पड़े. यह पैसा सरकारी कर्मचारियों, पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों और पेंशनधारकों को दिया जाता है.
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