प्याज के आंसू रो रहा नेपाल, चीन का नहीं, भारत का प्याज है पसंद, जानिए क्यों मचा है हंगामा

नेपाल में प्याज की कालाबाजारी जमकर हो रही है. जब से भारत ने प्याज के निर्यात पर रोक लगाई है तब से नेपाल में प्याज की कीमतें आसमान छू रही हैं. चीन का प्याज नहीं लोगों को भारत का प्याज ही पसंद है, जानिए पूरी खबर....

Published: September 29, 2020 6:47 PM IST

By Kajal Kumari

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Price of onions and tomatoes drops down significantly, farmers demand minimum support price in Karnataka.

Nepal: नेपाल में प्याज की कीमतें बहुत ज्यादा हो गई हैं क्योंकि, भारत ने प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी है जिसके बाद नेपाल में प्याज की कीमत आसमान छू रही हैं. बता दें कि नेपाल के बाजार में प्याज की कीमत  इस वक्त 120 रुपये प्रति किलोग्राम तक है. राज्य के स्वामित्व वाली ट्रेडिंग इकाई लगभग दो सप्ताह पहले काठमांडू के विभिन्न स्थानों से काला-बाज़ारियों से जब्त किए गए प्याज को बेच रही है. जब्त किए गए  प्याज की कीमत 60 रुपये प्रति किलोग्राम तय किया गया है.

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“एफएमटीसी FMTC, बागमती के प्रमुख राणा बहादुर बुदधोकी ने बताया कि”जिला प्रशासन कार्यालय द्वारा छापेमारी करते हुए कालाबाजारियों से प्याज जब्त किया गया था जो हमें सौंप दिया गया है.कुल एक सौ 46 क्विंटल और 59 किलोग्राम प्याज यहां से बेचा जा रहा है जो पिछले शुक्रवार से बिक्री पर है.” यह पता है कि बाजार में कीमत तुलनात्मक रूप से अधिक है और हम बाजार से जब्त किए गए सामानों को Nrs में काला-बाजार में बेच रहे हैं. 60 किलोग्राम प्रति व्यक्ति तीन किलोग्राम का कोटा फिक्स कर रहे हैं.

उन्होंने बताया कि राज्य के स्वामित्व वाली ट्रेडिंग इकाई से प्याज की बिक्री से पच्चीस रुपये राष्ट्रीय खजाने में जाएंगे जबकि FMTC शेष Nrs ले जाएगा.

“दल्लुवा के निवासी शेर बहादुर खत्री ने एएनआई को बताया कि प्याज खरीदने के लिए लगभग 7 किलोमीटर की यात्रा की.” इसकी वजह उन्होने बतायी कि खुदरा बाजार में प्याज की कीमत अधिक है, हमसे खुदरा दुकानों में प्रति किलोग्राम न्यूनतम 120-130 (Nrs) शुल्क लिया जाता है, लेकिन हम इसे 60 में पा सकते हैं. COVID-19 के कारण लोगों की आर्थिक स्थिति पहले से कमजोर है प्याज की कम लागत वाली बिक्री ने मुझे यहां तक ​​पहुंचाया.

नेपाल में बेईमान व्यापारियों में से 70 प्रतिशत से अधिक जब्त प्याज पहले ही बिक चुके हैं और शेष 25 प्रतिशत की खरीद उपभोक्ताओं द्वारा मंगलवार तक किए जाने की उम्मीद है.

बता दें कि नेपाल हमेशा भारत से प्याज आयात करता रहा है क्योंकि घरेलू उत्पादन की मांग को पूरा करने के लिए उसका खुद का उत्पादन पर्याप्त नहीं है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, हिमालयी राष्ट्र ने लगभग 20,000 हेक्टेयर से 2,39,000 टन प्याज का उत्पादन किया, जबकि यह अन्य देशों से 3,10,000 टन का आयात करता था, ज्यादातर भारत से।.

हालांकि चीनी प्याज नेपाली बाजार में हैं, लेकिन उपभोक्ता उत्तरी प्याज को पसंद करते हैं, न कि उत्तरी तरफ से गुणवत्ता की शिकायत करने वाले. बता दें कि भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने 14 सितंबर को प्याज की सभी किस्मों के निर्यात पर रोक लगाते हुए एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया था.

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Published Date: September 29, 2020 6:47 PM IST