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Budget 2021: पीएम मोदी (PM Modi) आज प्रमुख अर्थशास्त्रियों और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के साथ आम बजट 2021 (Budget-2021) पर चर्चा करने के लिए बैठक करेंगे. बैठक में कोविड-19 महामारी (COVID-19) की वजह से अर्थव्यवस्था में उभरी अनिश्चितताओं के बीच उनसे उबरने के उपायों पर चर्चा करेंगे. यह बैठक वर्चुअल (Virtual Meeting) होगी और इसका आयोजक नीति आयोग है.
बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman), वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur), नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार और नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कान्त (Amitabh Kant) भी शामिल होंगे. इनके अलावा बैठक में शीर्ष अर्थशास्त्री और विशेषज्ञ अरविंद पानगढ़िया, के वी कामत, राकेश मोहन (Rakesh Mohan), शंकर आचार्य, शेखर शाह (Shekhar Shah), अरविंद विरमानी तथा अशोक लाहिड़ी भी शामिल होंगे.
एक अधिकारी के मुताबिक, ‘प्रधानमंत्री शुक्रवार को अर्थशास्त्रियों के साथ बैठक करेंगे और उनसे आने वाले बजट (Budget 2021) पर सुझाव लेंगे.’
गौरतलब है कि आम बजट एक फरवरी 2021 को पेश किया जाएगा. इस बीच राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने गुरुवार को जारी राष्ट्रीय आय के पहले अग्रिम अनुमान में चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.7 फीसदी की गिरावट का अनुमान जताया है. इस अनुमान में भारतीय अर्थव्यवस्था में संकुचन की मुख्य वजह कोविड-19 महामारी को बताया गया है.
एनएसओ के आंकड़ों (NSO Data) के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में कृषि क्षेत्र को छोड़कर लगभग हर सेक्टर में संकुचन देखने को मिला. चालू वित्त वर्ष में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में 9.4 फीसदी के संकुचन का अनुमान है, जो एक साल पहले की अवधि में 0.03 फीसद के ग्रोथ के साथ लगभग सपाट रहा था.
वित्त वर्ष 2020-21 में कृषि क्षेत्र में 3.4 फीसदी के ग्रोथ का अनुमान है. हालांकि, यह वित्त वर्ष 2019-20 के चार फीसदी के मुकाबले कम रहने का अनुमान जताया गया है.
एनएसओ के अनुमान के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में खनन, ट्रेड, होटल, ट्रांसपोर्ट, कम्यूनिकेशन और ब्रॉडकॉस्टिंग से जुड़ी सेवाओं में रिकॉर्ड संकुचन का अनुमान जताया गया है. देश की अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 23.9 फीसदी और दूसरी तिमाही में 7.5 फीसदी का संकुचन देखने को मिला था.
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