
Budget 2022: सरसों की खेती को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र सरकार तैयार करे बफर स्टॉक : COOIT
Budget 2022: सेंटर फॉर ऑयल इंडस्ट्री एण्ड ट्रेड (COOIT) ने सरसों की खेती को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र सरकार से सरसों का बफर स्टॉक तैयार करनी की मांग की है. उनकी मांग है कि आगामी बजट में इसे शामिल किया जाना चाहिए.

Budget 2022: केन्द्र सरकार को दालों (Pulses) की तरह सरसों के बीजों (Mustard Seed) का भी बफर स्टॉक (Buffer Stock) तैयार करना चाहिए. यह स्टॉक कम से कम 2.5 मिलियन टन तक तैयार किया जाना चाहिए. इससे घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और खाना पकाने में काम आने वाले तेलों का निर्यात कम किया जा सके. सरकार से यह मांग सेंटर फॉर ऑयल इंडस्ट्री एण्ड ट्रेड (COOIT) ने की है. बफर स्टॉक के प्रस्तावित निर्माण के लिए खरीद, फसल के मौसम की शुरुआत में बाजार कीमतों पर की जानी चाहिए, जिससे ऑयल प्रोसेसिंग यूनिट्स साल भर अपना संचालन जारी रख सकेंगी.
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वनस्पति तेलों के लिए सर्वोच्च संस्था COOIT चाहती है कि सरकार कच्चे खाद्य तेलों एवं रिफाइन्ड खाद्य तेलों की इम्पोर्ट ड्यूटी के बीच के अंतर को दूर करे.
भारत ने अक्टूबर में समाप्त होने वाले तेल विपणन वर्ष 2020-21 के दौरान अब तक का सबसे अधिक, 1.17 लाख करोड़ के खाद्य तेलों का आयात किया, इसकी वजह दुनिया भर में कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई.
सीओओआईटी के अनुसार समय आ गया है कि केन्द्र एवं राज्य सरकारें तेलबीजों का घरेलू उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान दें.
सीओओआईटी के चेयरमैन, सुरेश नागपाल ने कहा, “हम चाहते हैं कि सरकार आगामी बजट में एक समर्पित योजना लेकर आए, जिसके द्वारा किसानों को विभिन्न तेलबीजों जैसे सरसों, सोयाबीन और सूरजमुखी की बुवाई के लिए प्रोत्साहित करने हेतु उचित आवंटन निर्धारित किया जाए.”
अगस्त 2021 में सरकार ने नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल्स- ऑयल पाम को लॉन्च किया था, जिसके तहत पाम ऑयल (तारपीन का तेल) के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 11,040 करोड़ का वित्तीय आउटले तय किया गया था. इसी तरह की पहल सरसों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए भी की जानी चाहिए.
सरकार सरसों की खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है, जिसके परिणाम भी दिखने लगे हैं. इस साल सरसों की बुवाई के क्षेत्र में 25 फीसदी तक बढ़ोतरी का अनुमान है और उम्मीद की जा रही है कि सरसों का उत्पादन भी 110 लाख टन तक पहुंच जाएगा.
सुरेश नागपाल ने बताया, “अगर सरकार सरसों के लिए 25 लाख टन का बफर स्टॉक तैयार कर लेती है, तो इससे सरसों की खेती को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही सरसों की कीमतों में ज्यादा उतार-चढ़ाव आने पर भी कीमतें स्थिर बनी रहेंगी, जैसा कि साल 2021 के दौरान हुआ था.”
(With IANS Inputs)
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