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Budget 2022: सैलरीड क्लास और मध्यम वर्ग के लोगों की मांग, बुनियादी छूट की सीमा बढ़ाए सरकार

Budget 2022: आयकर मूल छूट की सीमा जिसमें पिछले कई वर्षों से कोई बदलाव नहीं किया गया है. करदाताओं को उम्मीद है कि सरकार बजट 2022 में मौजूदा 2.5 लाख रुपये की मूल छूट सीमा बढ़ाएगी.

Updated: January 25, 2022 2:28 PM IST

By Manoj Yadav

Budget 2022 Expectations: Here Is What Income Tax Payers Want From Budget 2022
Budget Session 2022

Budget 2022: नौकरी के बाजार में अनिश्चितता से लेकर मुद्रास्फीति (Inflation) तक, कोविड -19 महामारी (Covid-19) ने देश में वेतनभोगी वर्ग और करदाताओं को एक ही नहीं कई तरीकों से नुकसान पहुंचाया है. वेतनभोगी वर्ग और करदाता, जिनमें ज्यादातर मध्यम वर्ग के परिवार शामिल हैं, 1 फरवरी को केंद्रीय बजट 2022-23 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से कुछ उपायों की उम्मीद करते हैं.

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बुनियादी छूट की सीमा बढ़ाये जाने की उम्मीद

आयकर मूल छूट की सीमा जिसमें पिछले कई वर्षों से कोई बदलाव नहीं किया गया है. करदाताओं को उम्मीद है कि सरकार बजट 2022 में मौजूदा 2.5 लाख रुपये की मूल छूट सीमा बढ़ाएगी, जैसा कि वैश्विक लेखा प्रमुख केपीएमजी द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में दिखाया गया है. कम से कम 29 प्रतिशत उत्तरदाता यह भी चाहते हैं कि ब्लूमबर्ग क्विंट की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त मंत्री 10 लाख रुपये के आयकर स्लैब में संशोधन पर विचार करें.

इसके अलावा, 36 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने मौजूदा धारा 80 सी कटौती सीमा 1.5 लाख रुपये में वृद्धि की मांग की.

आयकर का बोझ घटाएं

इस बीच, उद्योग निकाय एसोचैम के एक सर्वेक्षण से पता चला है कि अधिकांश उत्तरदाताओं को आगामी केंद्रीय बजट में आयकर राहत की उम्मीद है. सर्वेक्षण से पता चलता है, “एसोचैम सर्वेक्षण के उत्तरदाताओं में से लगभग 40 प्रतिशत ने कहा कि वित्त मंत्री को निजी मांग और खपत को बढ़ावा देने के लिए अन्य उपायों के साथ आयकर को कम करना चाहिए.”

गरीब परिवारों के लिए डीबीटी

लगभग 31 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने सुझाव दिया कि गरीब परिवारों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) पिरामिड के निचले भाग में एक मांग चालक हो सकता है.

इसके अलावा, पेट्रोल और डीजल की बढ़ती लागत केंद्र और राज्यों के लिए पेट्रोलियम उत्पादों को वस्तु और सेवा कर (GST) के तहत लाने पर सहमत होना अनिवार्य बनाती है, भले ही एकल कर व्यवस्था केंद्रीय बजट के दायरे में नहीं आती, एसोचैम सर्वेक्षण बताता है.

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