
निर्मला सीतारमण संसद में आज पेश करेंगी बजट, कोरोना से सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने की उम्मीद; IT स्लैब में भी बदलाव संभव!
Budget 2022 Latest Update: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) संसद में आज वित्त वर्ष 2022-23 का बजट (Budget 2022-23) पेश करेंगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह चौथा बजट होगा. बजट में इस बार सरकार टैक्स पेयर्स को राहत देने का ऐलान भी कर सकती है.

Budget 2022 Latest Update: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) संसद में आज वित्त वर्ष 2022-23 का बजट (Budget 2022-23) पेश करेंगी. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की सुबह 10:10 बजे बैठक होगी. कैबिनेट मीटिंग में बजट 2022-23 को मंजूरी दी जाएगी. कैबिनेट की मंजूरी के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) संसद में पेपरलेस बजट पेश करेंगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह चौथा बजट होगा. उम्मीद की जा रही है कि कोरोना से सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए बजट में कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं हो सकती है. उम्मीद की जा रही है मोदी सरकार इनकम टैक्स (Income Tax) पेयर को भी कुछ राहत दे सकती है. इसके साथ-साथ अनुमान है कि निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) राजकोषीय सूझबूझ और वृद्धि को समर्थन के बीच संतुलन बैठाने का प्रयास करेंगी. माना जा रहा है कि अगले वित्त वर्ष का आम बजट निवेश और रोजगार सृजन के लिए खर्च बढ़ाने पर केंद्रित होगा. एक अप्रैल, 2022 से शुरू हो रहे वित्त वर्ष के लिए आम बजट में अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर जोर होगा और इसके लिए बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाया जा सकता है. आर्थिक समीक्षा ने बजट के लिए मंच तैयार कर दिया है. समीक्षा में कहा गया है कि सरकार के पास वित्त वर्ष 2022-23 में 8-8.5 प्रतिशत की अच्छी वृद्धि दर से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था का समर्थन करने के लिए राजकोषीय गुंजाइश है.
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बजट से टैक्सपेयर को राहत की उम्मीद
- मार्च में खत्म होने जा रहे वित्त वर्ष में, एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में 9.2 फीसदी की दर से विस्तार होने का अनुमान है. इससे पहले पिछले वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आई थी.
- उम्मीद है कि सीतारमण वृद्धि को समर्थन देने के साथ-साथ वित्तीय रूप से सावधान रहते हुए वृद्धि के एजेंडा को बढ़ावा देंगी और इसके लिए अधिक पूंजीगत व्यय की राह अपनाएंगी. इससे निवेश चक्र और रोजगार में तेजी आएगी. इसके साथ ही वित्त मंत्री वित्तीय संरक्षणवादी रुख अपनाएंगी.
- आधारभूत ढांचा क्षेत्र में सड़क, रेलवे और जल के लिए अधिक आवंटन हो सकता है. छोटे व्यवसायों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के उपाय भी बजट का हिस्सा हो सकते हैं.
- इस तरह की उम्मीदें की जा रही हैं कि सरकार आयकर में छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये से बढ़ा सकती है. सरकार ने साल 2014 में इनकम टैक्स में छूट की सीमा 1 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख कर दी गई थी. हालांकि इसके बाद से पिछले आठ सालों के दौरान फिर कभी टैक्सपेयर्स के लिए कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई है.
- कुछ विश्लेषकों का मानना है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करदाताओं को बड़ी राहत देने की घोषणा कर सकती हैं. इस राहत में मूल छूट सीमा को 2.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख करना शामिल है. वरिष्ठ नागरिकों के लिए इसे मौजूदा 3 लाख से बढ़ाकर 3.5 लाख करने की उम्मीद भी की जा रही है.
- वहीं, रेल बजट में आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर देश के हर कोने को जोड़ने के लिए इस साल लंबी दूरी वाली सेमी-हाईस्पीड ट्रेनों ऐलान संभव है. इसके साथ-साथ भरतीय रेलवे के विद्युतीकरण पर जोर दिया जायेगा. साल 2017 में केंद्रीय बजट में रेल बजट के विलय के बाद से छठा संयुक्त बजट होगा.
- रेल बजट में नई ट्रेन सेवाओं की शुरुआत के अलावा, दोहरीकरण और नई लाइनें बिछाने की योजना का भी ऐलान किया जा सकता है. रेल बजट में एलएचबी कोचों को बढ़वा, पर्यावरण के अनुकूल सुविधाओं की शुरुआत आदि शामिल होने की संभावना है.
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में पेश किये आर्थिक सर्वेक्षण में कहा कि ट्रांसपोर्ट को भविष्य के लिए तैयार रखने और रेलवे प्रणाली को राष्ट्रीय विकास के इंजन के रूप में उभरने में मदद करने वाली परियोजनाओं को शुरू किया जायेगा. इसके तहत अगले दशक में रेलवे में पूंजीगत व्यय का तेजी से विकास किया जायेगा.
- बजट सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि चुनाव का लोकतंत्र में अपना स्थान है और वह प्रक्रिया चलती रहेगी, लेकिन पूरे वर्ष का खाका खींचने वाला, संसद का बजट सत्र बहुत महत्वपूर्ण है. बजट सत्र के पहले दिन संवाददाताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने सभी सांसदों और राजनीतिक दलों से इस सत्र को फलदायी बनाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि, ‘हम पूरी प्रतिबद्धता के साथ इस बजट सत्र को जितना ज्यादा फलदायी बनाएंगे, आने वाला पूरा वर्ष हमें नई आर्थिक ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए भी एक बहुत बड़ा कारक बनेगा.’
- संसद के बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से 11 फरवरी तक प्रस्तावित है. इसके बाद विभिन्न विभागों के बजटीय आवंटन पर विचार के लिये अवकाश रहेगा. बजट सत्र का दूसरा चरण 14 मार्च से आरंभ होगा, जो आठ अप्रैल तक चलेगा. (इनपुट: एजेंसी से भी)
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