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Budget 2022: कोविड प्रभावित आतिथ्य क्षेत्र की दरकार, वन विंडो सिस्टम स्थापित करे सरकार

Budget 2022: पिछले दो साल से कोविड की मार झेल रहे आतिथ्य क्षेत्र को इस बार के बजट में कुछ राहत दिए जाने की दरकार है. आतिथ्य क्षेत्र चाहता है कि इज ऑफ डुइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए सरकार वन विंडो सिस्टम स्थापित करे.

Updated: January 31, 2022 10:16 AM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Manoj Yadav

Hospitality Sector Reels Under Fresh Round Of Night Curfews and Lockdown-Like Restrictions

Budget 2022: पिछले दो साल यानी 2020 से लागातर कोविड -19 महामारी की चपेट में आए इतने बड़े आतिथ्य क्षेत्र ने ठीक होने की दिशा में अपनी यात्रा शुरू की थी कि फिर से कोरोनावायरस के नए ओमिक्रोन संस्करण ने संचालन पर एक नई परछाई डाल दी. इसमें होटल, रेस्तरां और संबद्ध सेवाएं शामिल हैं. यह सेक्टर सरकार से आगामी केंद्रीय बजट 2022-23 में कुछ राहत उपाय प्रदान करने के लिए आग्रह किया है. PHD चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (PHDCCI) कुछ बजट सिफारिशें लेकर आया है, जिन पर सरकार आगामी बजट में देश भर में लाखों लोगों को रोजगार देने वाले प्रमुख क्षेत्र की मदद के लिए विचार कर सकती है.

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व्यापार करने में आसानी

नए होटलों के लिए व्यवसाय करने में आसान बनाने के लिए प्रत्येक राज्य में एक वन विंडो सिस्टम स्थापित किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और शीघ्र अनुमोदन मिल जाया करेगा.

जीएसटी के दायरे में लाई जाए शराब

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के दायरे में मानव उपभोग के लिए शराब को भी लाने के लिए एक उपयुक्त ढांचे को विकसित और कार्यान्वित करने की आवश्यकता है.

होटल और रेस्तरां सेवाओं के लिए जीएसटी दर

यह सुझाव दिया गया है कि स्टैंड-अलोन रेस्तरां और “तारांकित” होटलों के अंदर स्थित रेस्तरां के बीच एक समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए, इनपुट टैक्स की उपलब्धता के साथ बाद की श्रेणी पर जीएसटी की दर 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत की जानी चाहिए.

भारत में विदेशी पर्यटकों को विदेशी मुद्रा प्राप्त होने पर प्रदान की जाने वाली पर्यटन सेवाओं को “डीम्ड एक्सपोर्ट” माना जाना चाहिए और जीएसटी की छूट उपलब्ध कराई जानी चाहिए.

उपभोक्ता की मांग को पुनर्जीवित करने के लिए यह सुझाव दिया गया है कि सभी रेस्तरां और आउटडोर खानपान सेवाएं, चाहे वे अकेले हों या होटल का हिस्सा हों, शून्य-रेटेड होनी चाहिए या कम से कम 5 प्रतिशत की दर से जीएसटी के अधीन होनी चाहिए.

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Published Date: January 19, 2022 4:55 PM IST

Updated Date: January 31, 2022 10:16 AM IST