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Budget 2022: 'वित्तीय घाटे में धीमी गति से कमी आने का संकेत देने वाला रहा यह बजट'

Budget 2022: फिच रेटिंग ने बजट 2022 पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वित्तीय घाटे में धीमी गति से कमी आने का संकेत देने वाला है यह बजट. फिच रेटिंग एक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी है जो डिफ़ॉल्ट की संभावना के सापेक्ष निवेश की व्यवहार्यता को रेट करती है.

Published: February 8, 2022 8:14 AM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Manoj Yadav

Fitch Ratings India
Fitch Ratings India

Budget 2022: रेटिंग एजेंसी फिच (Fitch) ने सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) द्वारा एक फरवरी को पेश किए गए केंद्रीय बजट (Union Budget) को लेकर प्रतिक्रिया दी है. फिच ने बताया है कि यह बजट वित्तीय घाटे में धीमी गति से कमी आने का संकेत देता है.

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फिच रेटिंग्स ने साथ ही भारत की सॉवरेन रेटिंग में कोई परिवर्तन न करते हुए इसे नकारात्मक परिदृश्य के साथ ‘बीबीबी’ पर बरकरार रखा है.

केंद्र सरकार की योजना वित्तीय घाटे को वित्त वर्ष 26 तक कम करके सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 4.5 प्रतिशत करने की है. बजट में सरकार ने वित्त वर्ष 22 के वित्तीय घाटे के लक्ष्य के अनुमान को घटाकर जीडीपी के 6.9 प्रतिशत कर दिया है. वित्त वर्ष 23 के वित्तीय घाटे को जीडीपी के 6.4 प्रतिशत रखने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

फिच रेटिंग्स के अनुसार, वित्तीय घाटे (Fiscal Deficit) में तेजी और बजट में वित्तीय घाटा कम करने के मध्य अवधि की योजनाओं की अस्पष्टता से रिण और जीडीपी (GDP) के अनुपात में गिरावट से संबंधित फिच रेटिंग के अनुमान से जुड़ा जोखिम बढ़ गया है. फिच रेटिंग ने कहा कि योजनाबद्ध उच्च पूंजीगत व्यय जीडीपी में बढ़ोतरी को समर्थन देता है और इन जोखिमों को कम करना सॉवरिन रेटिंग के लिए एक महत्वपूर्ण पहलू है.

फिच रेटिंग ने नवंबर 2021 की भारत की सॉवरिन रेटिंग (Sovereign Rating) ‘बीबीबी’ को बरकरार रखते हुए कहा कि रिण बढ़ोतरी की सततता से जुड़े जोखिम के कारण ही हमने भारत के नकारात्मक परिदृश्य को बरकरार रखने का निर्णय लिया है.

फिच के मुताबिक उसने जब रेटिंग की पुष्टि की थी, उस वक्त के पूर्वानुमान से वित्तीय घाटे का लक्ष्य अधिक है. बजट में वित्त वर्ष 22 का संशोधित वित्तीय घाटा जीडीपी का 6.9 प्रतिशत कर दिया गया है जबकि फिच ने इसके 6.6 प्रतिशत रहने का पूर्वानुमान किया था.

फिच ने कहा कि उसने जून 2020 में भारत की सॉवरेन रेटिंग को स्थिर से नकारात्मक में परिवर्तित किया था. फिच ने कोरोना महामारी का राजकोष पर पड़ने वाले प्रभाव का पूर्वानुमान करते हुए रेटिंग में बदलाव किया था.

फिच प्रोफाइल

फिच रेटिंग एक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी है जो डिफ़ॉल्ट की संभावना के सापेक्ष निवेश की व्यवहार्यता को रेट करती है. मूडीज और स्टैंडर्ड एंड पूअर्स के साथ फिच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष तीन क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों में से एक है.

(With IANS Inputs)

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