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Economic Survey: अगले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार घटकर 6.5 प्रतिशत रहेगी, तीन साल में सबसे धीमी रहेगी दर

Budget Session LIVE Update: आज संसद का बजट शुरू हो गया है. संसद के पटल पर वित्तमंत्री द्वारा आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया गया. आर्थिक सर्वेक्षण में जीडीपी की वृद्धि के बारे में 6-6.8 फीसदी का अनुमान जताया गया है.

Updated: January 31, 2023 5:50 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Manoj Yadav

Economic Survey: अगले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार घटकर 6.5 प्रतिशत रहेगी, तीन साल में सबसे धीमी रहेगी दर

Economic Survey | Budget Session: संसद का बजट सत्र आज यानी 31 जनवरी, 2023 को सुबह 11 बजे शुरू हुआ. भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संयुक्त सत्र में दोनों सदनों को संबोधित किया. आर्थिक सर्वेक्षण को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आर्थिक विकास के अनुमानों के साथ पेश किया गया था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया. आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था 2023-24 में 6.5% की दर से बढ़ेगी, जबकि इस वित्त वर्ष में यह 7% और 2021-22 में 8.7% थी.

भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष में घटकर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है. हालांकि, भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा. आर्थिक समीक्षा 2022-23 में मंगलवार को यह अनुमान जताया गया.

भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष (अप्रैल 2022 से मार्च 2023) में सात प्रतिशत रहने का अनुमान है. पिछले साल यह 8.7 प्रतिशत थी.

दुनिया के बाकी हिस्सों की तरह भारत को भी यूरोप में लंबे समय से चल रहे युद्ध से वित्तीय चुनौतियां का सामना करना पड़ा है और आपूर्ति श्रृंखला में बाधाएं भी आई हैं. समीक्षा में कहा गया, ‘‘ज्यादातर अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारत ने चुनौतियों का बेहतर तरीके से सामना किया.’’

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश की गई आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि भारत पीपीपी (क्रय शक्ति समानता) के मामले में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी और विनिमय दर के मामले में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.

समीक्षा में कहा गया, ‘‘अर्थव्यवस्था ने जो कुछ खोया था, उसे लगभग फिर से पा लिया है. जो रुका हुआ था, उसे नया कर दिया है, और महामारी के दौरान तथा यूरोप में संघर्ष के बाद जो गति धीमी हो गई थी, उसे फिर से सक्रिय कर दिया है.’’

इसमें संकेत दिया गया है कि मुद्रास्फीति की स्थिति बहुत चिंताजनक नहीं हो सकती है, हालांकि, कर्ज की लागत ‘लंबे समय तक ऊंचे स्तर पर रहने की संभावना है. एक जटिल मुद्रास्फीति सख्ती के चक्र को लंबा कर सकती है.

समीक्षा में कहा गया है कि महामारी के बाद भारत में पुनरुद्धार अपेक्षाकृत तेज था, ठोस घरेलू मांग से वृद्धि को समर्थन मिला, पूंजी निवेश में तेजी आई, लेकिन अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में और बढ़ोतरी के अनुमान से रुपये के लिए चुनौतियां बढ़ीं.

चालू खाते के घाटे (कैड) में बढ़ोतरी जारी रह सकती है, क्योंकि वैश्विक जिंस कीमतें ऊंची बनी हुई हैं. अगर कैड और बढ़ता है, तो रुपया दबाव में आ सकता है.

समीक्षा के मुताबिक, निर्यात के मोर्चे पर चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में वृद्धि में कमी आई है. धीमी वैश्विक वृद्धि, सिकुड़ते वैश्विक व्यापार के कारण चालू वर्ष की दूसरी छमाही में निर्यात प्रोत्साहन में कमी आई.

वित्त वर्ष 2023-24 के लिए वर्तमान कीमतों पर वृद्धि दर के 11 प्रतिशत रहने का अनुमान है. समीक्षा में कहा गया कि आगामी वित्त वर्ष के दौरान ज्यादातर वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले भारत की वृद्धि दर मजबूत रहेगी. ऐसा निजी खपत में सुधार, बैंकों द्वारा ऋण देने में तेजी और कंपनियों द्वारा पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी के कारण होगा.

समीक्षा में कहा गया है कि मजबूत खपत के कारण भारत में रोजगार की स्थिति में सुधार हुआ है, लेकिन रोजगार के अधिक मौके तैयार करने के लिए निजी निवेश में वृद्धि जरूरी है.

(Input-Bhasha)

Live Updates

  • Jan 31, 2023 1:42 PM IST

    भारत सरकार ने कहा कि वह एक चुनौतीपूर्ण वैश्विक वातावरण से नए जोखिमों का मुकाबला करने के लिए महामारी के दौरान खोए हुए राजकोषीय स्थान के पुनर्निर्माण पर ध्यान केंद्रित करेगी, जिसने पहले ही घरेलू मांग पर दबाव डालना शुरू कर दिया है.

  • Jan 31, 2023 1:41 PM IST
    मजबूत मांग और उच्च व्यय वृद्धि को गति देने के लिए
    वृद्धि में सहायता के लिए घरेलू मांग, पूंजीगत व्यय में वृद्धि. आर्थिक सर्वेक्षण 2023, सीएडी और बढ़ा तो रुपया दबाव में आ सकता है.
  • Jan 31, 2023 1:37 PM IST
    कर्मचारी भविष्य निधि पंजीकरण बढ़ा
    निजी खपत, पूंजी निर्माण के नेतृत्व में चालू वित्त वर्ष में आर्थिक विकास ने रोजगार पैदा करने में मदद की है. शहरी रोजगार दर में गिरावट आई, जबकि कर्मचारी भविष्य निधि पंजीकरण में वृद्धि हुई.
  • Jan 31, 2023 1:36 PM IST
    जीएसटी भुगतान में वृद्धि हो रही है
    FY21 में गिरावट के बाद, छोटे व्यवसायों द्वारा भुगतान किया गया GST बढ़ रहा है और अब लक्षित सरकारी हस्तक्षेप की प्रभावशीलता को दर्शाते हुए पूर्व-महामारी के स्तर को पार कर गया है.
  • Jan 31, 2023 1:34 PM IST
    भारतीय अर्थव्यवस्था ने यूक्रेन-रूस युद्ध के नतीजों का सामना किया
    भारत के आर्थिक लचीलेपन ने विकास की गति को खोए बिना रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण बाहरी असंतुलन को कम करने की चुनौती का सामना करने में मदद की है.
  • Jan 31, 2023 1:33 PM IST
    कैपेक्स 63.4% बढ़ा
    चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-नवंबर में केंद्र सरकार का कैपेक्स 63.4% बढ़ा
  • Jan 31, 2023 1:29 PM IST
    आवास की कीमतें बढ़ रही हैं
    मांग में कमी, माल सूची में गिरावट के जारी होने के बाद कीमतों में मजबूती आई है.
  • Jan 31, 2023 1:27 PM IST
    FY24 में बैंक क्रेडिट ग्रोथ तेज रहने की संभावना है
    बैंक ऋण को प्रभावित करने के लिए सौम्य मुद्रास्फीति और मध्यम ऋण लागत. जनवरी-नवंबर, 2022 में छोटे व्यवसायों के लिए ऋण वृद्धि उल्लेखनीय रूप से 30.5% से अधिक रही.
  • Jan 31, 2023 1:25 PM IST
    वैश्विक मंदी ने निर्यात को प्रभावित किया
    चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में निर्यात में वृद्धि में कमी आई है; 2021-22 में वृद्धि दर में वृद्धि और चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में उत्पादन प्रक्रियाओं को ‘हल्के त्वरण’ से ‘क्रूज़ मोड’ में स्थानांतरित करने के लिए प्रेरित किया.
    धीमी वैश्विक वृद्धि, सिकुड़ते वैश्विक व्यापार के कारण चालू वर्ष की दूसरी छमाही में निर्यात प्रोत्साहन में कमी आई.
  • Jan 31, 2023 1:23 PM IST
    सर्वेक्षण में विकास को गति देने वाली योजनाओं पर प्रकाश डाला गया है
    क्रेडिट संवितरण, पूंजी निवेश चक्र, सार्वजनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म का विस्तार और आर्थिक विकास को गति देने के लिए पीएलआई, राष्ट्रीय रसद नीति और पीएम गति शक्ति जैसी योजनाएं

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