
Crude Oil Price Hike: 105 डॉलर पर पहुंचे कच्चे तेल के दाम, भारत में बढ़ा महंगाई का खतरा
Crude Oil Price Hike: रूस-यक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच कच्चे तेल के भावों में तेज उछाल दर्ज किया गया है. आज कच्चे तेल के दाम 105 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गए हैं. जिसका असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर देखा जाएगा. भारत में इससे महंगाई बढ़ने का खतरा पैदा होता जा रहा है.

Crude Oil Price Hike: रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia – Ukraine War) ने ब्रेंट क्रूड ऑयल (Crude Oil Price) की कीमतों को काफी बढ़ा दिया है. अभी कल तक जो कच्चा तेल 100 डॉलर प्रति बैरल पर बिक रहा था आज उसके दाम बढ़कर 105 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गए हैं. जिसका असर भारत की अर्थव्यवस्था पर देखा जाएगा. कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी होने से भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान उठाना पड़ेगा. बता दें, भारत अपनी जरूरतों का 85 फीसदी आयात के जरिए पूरा करता है या यह कह सकते हैं कि भारत पूरी तरह से कच्चे तेल के आयात पर निर्भर है. कच्चे तेल की कीमतों में किसी भी तरह की बढ़ोतरी का पेट्रोल और डीजल की घरेलू कीमतों पर बड़ा असर पड़ेगा.
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इसके अलावा, उच्च ईंधन लागत का व्यापक प्रभाव एक सामान्य मुद्रास्फीति की प्रवृत्ति को गति देगा. पहले से ही, भारत का मुख्य मुद्रास्फीति गेज – उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) – जो खुदरा मुद्रास्फीति को दर्शाता है, जनवरी में भारतीय रिजर्व बैंक की लक्ष्य सीमा को पार कर चुका है.
उद्योग की गणना के अनुसार, कच्चे तेल की कीमतों में 10 प्रतिशत की वृद्धि से सीपीआई मुद्रास्फीति में लगभग 10 आधार अंक जुड़ते हैं. इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के सीनियर एनालिस्ट भानु पाटनी ने कहा, “कच्चे तेल की इतनी ऊंची कीमतों से खुदरा ईंधन की कीमतों में करीब 8-10 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी होगी और इससे महंगाई का दबाव बढ़ सकता है.”
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा यूक्रेन में सैन्य अभियान शुरू किए जाने के बाद गुरुवार को ब्रेंट क्रूड 105 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. साल 2014 के बाद यह पहला मौका है, जब कच्चे तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल को पार कर गई हैं.
(With IANS Inputs)
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