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CRUDE OIL PRICE HIKE: वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में और वृद्धि (CRUDE OIL PRICE HIKE) होने की संभावना है, क्योंकि रूसी-यूक्रेन युद्ध (RUSSIA – UKRAINE WAR) जारी है. रूस-यूक्रेन संकट (RUSSIA – UKRAINE CRISIS) के साथ-साथ मजबूत मांग के कारण कच्चे तेल की कीमतों (CRUDE OIL PRICE) में वैश्विक वृद्धि हुई है.
ब्रेंट-इंडेक्स्ड कच्चे तेल की कीमतें पिछले शुक्रवार को 120 डॉलर प्रति बैरल से अधिक थी और आने वाले दिनों में 115 डॉलर से 130 डॉलर प्रति बैरल के बीच रहने की उम्मीद है.
भारत के लिए यह प्रवृत्ति महत्वपूर्ण है क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय कीमतें घरेलू पेट्रोल और डीजल की लागत निर्धारित करती हैं.
फिलहाल भारत अपनी जरूरत का 85 फीसदी कच्चे तेल का आयात करता है.
अब तक कच्चे तेल की ऊंची कीमतों के कारण सरकारी तेल विपणन कंपनियों को पेट्रोल और डीजल की खुदरा बिक्री कीमतों में मामूली वृद्धि करनी पड़ी है.
इन कीमतों को 4 महीने से अधिक के अंतराल के बाद 22 मार्च को पहली बार संशोधित किया गया था.
आईआईएफएल सिक्योरिटीज के वीपी (रिसर्च) अनुज गुप्ता ने कहा, “कच्चा तेल ऊंचे व्यापार की उम्मीद कर रहा है और 125 से 128 डॉलर तक का परीक्षण कर सकता है, क्योंकि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को समाप्त करने के लिए कोई समाधान नहीं दिख रहा है.”
कमोडिटीज एंड करेंसी कैपिटल वाया ग्लोबल रिसर्च के लीड क्षितिज पुरोहित ने कहा, “रूसी तेल पर निर्भरता को रोकने के बारे में अमेरिका से नया कानून आने के बाद वर्तमान धारणा तेजी की है.”
(With IANS Inputs)
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