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Engineering Export Goods: भारत के इंजीनियरिंग सामानों का निर्यात 54 फीसदी बढ़ा

Engineering Goods Export: भारत के कुल निर्यात बास्केट (Export Basket) में इंजीनियरिंग सामान क्षेत्र का सबसे बड़ा - 27 प्रतिशत से अधिक हिस्सा रहा. दिसंबर 2021 में इंजीनियरिंग सामानों का निर्यात (Engineering Goods Export) 9.79 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो दिसंबर 2020 में 7.07 अरब डॉलर की तुलना में 38.41 प्रतिशत की वृद्धि है.

Published: January 25, 2022 8:37 AM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Manoj Yadav

Engineering Export Goods: भारत के इंजीनियरिंग सामानों का निर्यात 54 फीसदी बढ़ा
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Engineering Export Goods:  इंजीनियरिंग सामानों का निर्यात (Engineering Goods Export) अप्रैल-दिसंबर 2021 के दौरान बढ़कर 81.8 अरब डॉलर हो गया. इससे पिछले वर्ष (2020) की इसी अवधि के दौरान 52.9 अरब डॉलर की तुलना में 54 प्रतिशत की शानदार वृद्धि दर्ज किया गया. इस अवधि के दौरान भारत के कुल निर्यात बास्केट (Export Basket) में इंजीनियरिंग सामान क्षेत्र का सबसे बड़ा – 27 प्रतिशत से अधिक हिस्सा रहा. दिसंबर 2021 में इंजीनियरिंग सामानों का निर्यात (Engineering Goods Export) 9.79 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो दिसंबर 2020 में 7.07 अरब डॉलर की तुलना में 38.41 प्रतिशत की वृद्धि है.

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अप्रैल-दिसंबर 2019 (59.8 अरब डॉलर) की तुलना में, इंजीनियरिंग सामानों के निर्यात (Engineering Goods Export) में 37 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि यह अप्रैल-दिसंबर 2014 (55.0 अरब डॉलर) की तुलना में 49 प्रतिशत की वृद्धि है.

पिछले वित्तवर्ष (मार्च 2020-अप्रैल 2021) में इंजीनियरिंग सामानों का कुल निर्यात 76.62 अरब डॉलर था और वित्तवर्ष 2021-22 की पहली तीन तिमाहियों में पहले से ही 81.8 अरब डॉलर का लॉग इन करने के बावजूद यह और अधिक रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के लिए तैयार है.

अप्रैल-नवंबर 2021 में इंजीनियरिंग सामान के लिए भारत के शीर्ष पांच निर्यात गंतव्य हैं : अमेरिका (14.7 फीसदी), चीन (5.8 फीसदी), यूएई (5.1 फीसदी), इटली (4 फीसदी) और जर्मनी (3.4 फीसदी).

हाल के वर्षो में इंजीनियरिंग सामानों के निर्यात में प्रभावशाली वृद्धि मुख्य रूप से वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय का शून्य शुल्क निर्यात संवर्धन पूंजीगत सामान (EPGC) योजना के कारण हुआ है और यह विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) का हिस्सा है.

मौजूदा नीति जो 1 अप्रैल, 2015 को लागू हुई, 31 मार्च, 2020 तक वैधता के साथ 5 वर्षो के लिए थी. महामारी की अवधि के दौरान नीतिगत स्थिरता प्रदान करने के लिए एफटीपी 2015-20 को 31 मार्च, 2022 तक बढ़ा दिया गया था.

(With IANS Inputs)

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Published Date: January 25, 2022 8:37 AM IST