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Essential Medicines Price Rise: Pain Killers से लेकर Antibiotics तक ये दवाएं 1 अप्रैल के बाद हो जाएंगी महंगी
Essential Medicines Price Rise: डब्लूपीआई में बदलाव के अनुरूप सरकार ने दवा कंपनियों को आवश्यक दवाओं के दामों में 12 फीसदी बढ़ोतरी करने की अनुमति दी है.
Essential Medicines Price Rise: थोक मूल्य सूचकांक (WPI) में बदलाव के अनुरूप, दवा कंपनियों को 1 अप्रैल से कई दवाओं की कीमतों में 12% की बढ़ोतरी करने की अनुमति दी गई है. इनमें से अधिकांश दवाओं में जीवन रक्षक दवाएं जैसे कि संक्रमण-रोधी, दर्द निवारक और हृदय संबंधी दवाएं शामिल हैं.
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मूल्य वृद्धि आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची में शामिल लगभग 800 दवाओं के खुदरा मूल्य को प्रभावित करेगी.
सूची में लगभग सभी आवश्यक दवाएं शामिल हैं जिनमें COVID प्रबंधन के लिए आवश्यक ORS और कीटाणुनाशक शामिल हैं. यानी दवाओं के दाम बढ़ने से लोगों के बजट पर व्यापक असर पड़ेगा.
1 अप्रैल से महंगी होने वाली दवाओं की लिस्ट
- जनरल एनेस्थेटिक्स और ऑक्सीजन दवाएं जैसे हेलोथाने, आइसोफ्लुरेन, केटामाइन, नाइट्रस ऑक्साइड इत्यादि.
- दर्द निवारक: डिक्लोफेनाक, इबुप्रोफेन, मेफेनैमिक एसिड, पैरासिटमोल, मॉर्फिन
- जहर में एंटीडोट्स: सक्रिय चारकोल, डी-पेनिसिलमाइन, नालैक्सोन, सांप का जहर एंटीसेरम,
- आक्षेपरोधी: क्लोबज़म, डायजेपाम, लॉराज़ेपम,
- पार्किंसंस और डिमेंशिया: फ्लुनारिज़िन, प्रोप्रानोलोल, डोनेपेज़िल,
- एंटीबायोटिक्स: एमोक्सिसिलिन, एम्पीसिलीन, बेंज़िलपेनिसिलिन, सेफैड्रोक्सिल, सेफ़ाज़ोलिन, सेफ्ट्रियाक्सोम
- कोविड प्रबंधन दवाएं
- एंटी-टीबी दवा: एमिकैसीन, बेडाक्वीलिन, क्लैरिथ्रोमाइसिन आदि.
- एंटीफंगल: क्लोट्रिमेज़ोल, फ्लुकोनाज़ोल, मुपिरोसिन, निस्टैटिन, टेरबिनाफ़ाइन आदि.
- एंटीवायरल दवाएं: एसाइक्लोविर, वेलगैन्सीक्लोविर आदि.
- एचआईवी प्रबंधन दवाएं: एबाकाविर, लैमिवुडिन, ज़िडोवुडिन, एफाविरेंज़, नेविरापीन, राल्टेग्रेविर, डोल्यूटग्रेविर, रितोनवीर, आदि.
- मलेरिया की दवाएं: आर्टेसुनेट, आर्टेमेडर, क्लोरोक्वीन, क्लिंडामाइसिन, क्विनिन, प्रिमाक्विन आदि.
- कैंसर के इलाज की दवाएं: 5-फ्लूरोरासिल, एक्टिनोमाइसिन डी, ऑल-ट्रांस रेटिओनिक एसिड, आर्सेनिक ट्राइऑक्साइड, कैल्शियम फोलिनेट आदि.
- एनीमिया की दवाएं: फोलिक एसिड, आयरन सुक्रोज, हाइड्रोक्सोकोबालामिन आदि.
- प्लाज्मा और प्लाज्मा विकल्प
- हृदय संबंधी दवाएं: दिलिटज़ेम, मेटोप्रोलोल, डिगॉक्सिन, वेराप्रामिल, अम्लोदीपिन, रामिप्रिल, टेल्मिसर्टन, आदि.
- त्वचा संबंधी दवाएं
- एंटीसेप्टिक्स और कीटाणुनाशक: क्लोरोक्साइडिन, एथिल अल्कोहल, हाइड्रोजन पेरोक्साइड, पोविडिन आयोडीन, पोटेशियम परमैंगनेट इत्यादि.
- ईएनटी दवा: बुडेसोनाइड, सिप्रोफ्लोक्सासिन, क्लोट्रिमेज़ोल, आदि.
- गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल दवाएं: ओआरएस, लैक्टुलोज, बिसाकोडील आदि.
- हार्मोन, अन्य एंडोक्राइन दवाएं और गर्भनिरोधक
- वैक्सीन: हेपेटाइटिस बी, डीपीटी वैक्सीन, जापानी इंसेफेलाइटिस वैक्सीन, खसरा वैक्सीन, रेबीज वैक्सीन, आदि.
- ऑप्थल्मोलॉजिकल दवाएं, ऑक्सीटोसिक्स और एंटीऑक्सीटोक्सिक्स
- मानसिक विकारों के इलाज के लिए दवाएं
- श्वसन तंत्र विकार दवाएं, विटामिन और खनिज
बता दें, केंद्र सरकार ने खराब गुणवत्ता वाली दवाओं को लेकर देश की 18 फार्मा कंपनियों के लाइसेंस निलंबित (Suspended) कर दिए हैं. एक शीर्ष आधिकारिक सूत्र ने मंगलवार 28 मार्च को बताया कि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने 76 कंपनियों का निरीक्षण (Inspection) किया था और 18 के लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं. इसके अलावा 26 को दवाओं की खराब गुणवत्ता की वजह से कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) दिया गया है.
यही नहीं केंद्र ने तीन फार्मा कंपनियों के उत्पाद की अनुमति भी रद्द कर दी है. केंद्र और राज्यों के संयुक्त अभियान में 20 राज्यों में फार्मा कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की गई. एक सूत्र ने कहा कि ‘नॉट ऑफ स्टैंडर्ड क्वालिटी’ दवा के उत्पादन को रोकने और देशभर में दवा के अच्छे विनिर्माण अभ्यास (GMP) सुनिश्चित करने के लिए विशेष अभियान शुरू किया गया था.
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