By clicking “Accept All Cookies”, you agree to the storing of cookies on your device to enhance site navigation, analyze site usage, and assist in our marketing efforts Cookies Policy.
अर्थव्यवस्था में स्थिरता दिखना अच्छा संकेत, कोरोना वायरस से घबराने की जरूरत नहीं: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के शुक्रवार को जारी आंकड़े के अनुसार देश की आर्थिक वृद्धि दर 2019-20 की तीसरी तिमाही में धीमी पड़कर 4.7 प्रतिशत रही.
मंबई: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि अर्थव्यवस्था में स्थिरता दिखाई देना अच्छा संकेत है. चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 4.7 प्रतिशत रहने के आधिकारिक आंकड़े जारी होने के कुछ ही देर बाद उन्होंने यह कहा. समाचार चैनल सीएनबी टीवी 18 के बिजनेस लीडरशिप पुरस्कार समारोह में सीतारमण ने यह साफ किया कि वह आंकड़े में कोई उछाल आने की उम्मीद नहीं कर रही थी.
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के शुक्रवार को जारी आंकड़े के अनुसार देश की आर्थिक वृद्धि दर 2019-20 की तीसरी तिमाही में धीमी पड़कर 4.7 प्रतिशत रही. इससे पूर्व वित्त वर्ष 2018-19 की इसी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 5.6 प्रतिशत थी. हालांकि, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही की यदि बात की जाये तो जीडीपी वृद्धि 4.5 प्रतिशत थी जो कि संशोधित आंकड़ों में बढ़कर 5.1 प्रतिशत हो गई.
अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस के प्रभाव के बारे में उन्होंने पिछले कुछ दिनों के दौरान उद्योग जगत से बातचीत का हवाला देते हुए कहा कि फिलहाल घबराने जैसी कोई बात नहीं है लेकिन अगर दो या तीन सप्ताह स्थिति ऐसी ही बनी रहती है तो यह चुनौतीपूर्ण हो सकता है.
उन्होंने यह भी कहा कि कच्चे माल को लेकर चीन पर आश्रित औषधि और इलेक्ट्रॉनिक उद्योग ने जरूरी सामान विमान से मंगाने का सुझाव दिया है और सरकार उस पर गौर कर रही है. वित्त मंत्री ने कहा कि हालांकि, सामानों को एक जगह एकत्रित करना और उसे एक जगह ले जाने जैसे लॉजिस्टिक से जुड़े कार्य उद्योग स्वयं करेगा. उन्होंने वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों के जरिये मदद का वादा किया.
उन्होंने कहा कि सरकार बैंकों को खुदरा, आवास और कृषि समेत सभी श्रेणी में यथासंभव कर्ज देने के लिये प्रोत्साहित कर रही है. वित्त मंत्री ने कहा कि हालांकि, सरकार 2008-09 के अनुभव से सीखना चाहती है और सुनिश्चित करना चाहती है कि बाद के वर्ष में ये कर्ज गैर-निष्पादित परिसंपत्ति नहीं बने.
सीतारमण ने यह भी कहा कि सरकार आईसीआईसीआई और आईडीबीआई जैसा विकास वित्त संस्थान सृजित करने की दिशा में काम कर रही है. ये दोनों संस्थान अब पूर्ण रूप से बैंक बन गये हैं. उन्होंने कहा कि मंत्रालय राजकोषीय घाटे को काबू में रखते हुए अर्थव्यवस्था के लिये जो भी कर सकती है, वह कर रही है. किसी भी विकल्प को बंद नहीं किया जा रहा.
Also Read:
ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें Business Hindi की और अन्य ताजा-तरीन खबरें