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Farm Laws: IMF ने की मोदी सरकार के कृषि कानूनों की प्रशंसा, कहा- बढ़ेगी किसानों की आय

Gita Gopinath Farm Laws: भारत के कृषि कानूनों में किसानों की आय बढ़ाने की पूरी क्षमता है, लेकिन किसानों को सामाजिक सुरक्षा की गारंटी देने की आवश्यकता है.

Updated: January 28, 2021 10:00 AM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Manoj Yadav

IMF Chief Economist Gita Gopinath
IMF Chief Economist Gita Gopinath (File Photo)

Gita Gopinath Farm Laws: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath) ने कहा है कि कृषि उन क्षेत्रों में से एक है जहां पर भारत में समग्र रूप से सुधार करने की आवश्यकता है. उन्होंने हालिया कृषि कानूनों का समर्थन किया है और आगे कहा है कि कमजोर किसानों को भी सामाजिक सुरक्षा देने की जरूरत है.

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अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ (IMF Chief Economist Gita Gopinath) ने कहा है कि केंद्र द्वारा पेश किए गए तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) में किसानों की आय बढ़ाने की क्षमता है.

हालांकि गोपीनाथ ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि कृषि उन क्षेत्रों में से एक है जहां भारत को समग्र सुधार करने की आवश्यकता है और हाल के कृषि कानूनों का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि किसानों को सामाजिक सुरक्षा भी प्रदान करने की जरूरत है.

सुधारों के बारे में पूछे जाने पर, गोपीनाथ ने कहा कि ये कानून किसानों के लिए बाजार को ज्यादा बड़ा बनाने में मदद करेंगे और उन्हें कर का भुगतान किए बिना मंडियों के अलावा कई दुकानों में बेचने की अनुमति प्रदान करेंगे. गोपीनाथ ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा कि हमारे विचार से तो इन कानूनों में किसानों की आय को बढ़ाने की क्षमता मौजूद है.

हालांकि, उन्होंने एक महत्वपूर्ण बात कही कि हर बार सुधार को पीछे धकेल दिया जाता है. इस पर इस बात का खासा ध्यान रखने की जरूरत होगी कि यह कानून कमजोर किसानों को नुकसान तो नहीं पहुंचा रहा है. यह सुनिश्चित करने के लिए कि उन्हें सामाजिक सुरक्षा देने की आवश्यकता है.

यहां पर यह ध्यान देने की जरूरत है कि तीनों कृषि कानूनों को सरकार ने पिछले साल सितंबर में पेश किया था, जिन्हें कृषि क्षेत्र में बड़े सुधारों के रूप में पेश किया है. इससे किसानों को बिचौलियों से राहत मिलेगी और किसानों को सीधे देश में कहीं भी अपने उत्पाद बेचने की अनुमति होगी.

बता दें, कई अर्थशास्त्रियों ने सरकार के कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए कहा है, लेकिन भारत के हजारों किसान, ज्यादातर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पिछले दो महीनों से कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं.

वे सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने और अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं. अब तक सरकार और किसान नेताओं के बीच 11 दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन यह मामला काफी हद तक उलझा हुआ है.

राष्ट्रीय राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर रैली के मंगलवार को दिल्ली की सड़कों पर अराजकता भंग होने के बाद स्थिति और अधिक जटिल होने की संभावना है. यह उस दिन हुआ है जब भारत अपना 72 वां गणतंत्र दिवस मना रहा था.

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Published Date: January 28, 2021 9:59 AM IST

Updated Date: January 28, 2021 10:00 AM IST