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सरकार ने कर्ज गारंटी योजना के दायरे में 27 अन्य क्षेत्र भी जोड़े, स्वास्थ्य सेवाओं को किया शामिल
सरकार ने कहा कि आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना का दायरा बढ़ाकर उसमें स्वास्थ्य और 26 अन्य क्षेत्रों को शामिल किया है.
नई दिल्ली: सरकार ने कहा कि उसने आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) का दायरा बढ़ाकर उसमें स्वास्थ्य और 26 अन्य क्षेत्रों को शामिल किया है. इन क्षेत्रों की पहचान कामत समिति ने की थी. नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लि. (एनसीजीटीसी) ने ईसीएलजीएस 2.0 योजना के क्रियान्वयन के लिये परिचालन दिशा-निर्देश जारी किया है.
सरकार ने इस महीने की शुरूआत में 2.65 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत 3.0 पैकेज के तहत योजना की घोषणा की थी. बयान के अनुसार, ‘‘ईसीएलजीएस 2 के तहत जिन इकाइयों के ऊपर 29 फरवरी, 2020 की स्थिति के अनुसार, एक महीने या उससे कम समय के दौरान बकाया 50 करोड़ रुपये से अधिक और 500 करोड़ रुपये तक के कर्ज हैं, वे इसके लिये पात्र होंगी.’’
ईसीएलजीएस 2.0 के तहत उपलब्ध कराये गये कर्ज की मियाद 5 साल होगी. इसमें 12 महीने के लिये मूल राशि के लौटाने को लेकर छूट होगी. बयान में कहा गया है, ‘‘ये इकाइयां या कर्जदार कुल बकाया कर्ज का 20 प्रतिशत तक अतिरिक्त ऋण ले सकते हैं. यह पूरी तरह से बिना किसी गारंटीशुदा आपात कर्ज सुविधा (जीईसीएल) होगी जिसके लिये कर्जदार कोई गारंटी देने की जरूत नहीं है.
ईसीएलजीएस 2.0 के अलावा यह भी निर्णय किया गया है कि ईसीएलजीएस 1.0 का लाभ उन इकाइयों को दिया जाएगा जिस पर कुल बकाया कर्ज (केवल कोष आधारित) 29 फरवरी, 2020 तक 50 करोड़ रुपये तक हो. लेकिन वे पूर्व में 250 करोड़ रुपये से अधिक के सालाना कारोबार के कारण पात्र नहीं थे. इसके लिये अन्य मानदंड और शर्तों में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
बयान के अनुसार 12 नवंबर तक बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने 61 लााख एमएसएमई्र (सूक्ष्म, लघु एवं मणेले उद्यमों) को 2.05 लाख करोड़ रुपये मंजूर किये. हालांकि कर्ज वितरण 1.52 लाख करोड़ रुपये थे. रिजर्व बैंक द्वारा गठित कामत समिति ने कर्ज पुनर्गठन को लेकर जिन क्षेत्रों की पहचान की है, उनमें बिजली, निर्माण, रीयल एसटेट, कपड़ा, औषधि, लॉजिस्टिक, सीमेंट, वाहन कल-पुर्जे तथा होटल, रेस्तरां एवं पर्यटन शामिल हैं.
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