अगले एक हफ्ते में सस्ता हो जाएगा खाने का तेल, पूरे देश में एक जैसी होंगी कीमतें

देश में खाद्य तेल की कीमतें पिछले एक साल में तेजी से बढ़ी हैं, जिसके चलते आम लोगों का घर का बजट बिगड़ गया है. अब जब वैश्विक स्तर पर खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है तो सरकार ने बुधवार को सभी खाद्य तेल निर्माता कंपनियों को निर्देश दिया है कि इम्पोर्टेड खाद्य तेल की कीमतों में अगले एक हफ्ते में 10 रुपये प्रति लीटर तक की कटौती करें.

Updated: July 7, 2022 8:01 AM IST

By Digpal Singh

अगले एक हफ्ते में सस्ता हो जाएगा खाने का तेल, पूरे देश में एक जैसी होंगी कीमतें

अगले एक हफ्ते में खाने का तेल (Edible oil) सस्ता होने की उम्मीद है. वैश्विक स्तर पर तेल के भरपूर स्टॉक और खाद्य व सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा अवैध भंडारण के खिलाफ चलाए गए अभियानों के चलते यह उम्मीद जताई जा रही है. सरकारी स्तर पर तेल के अवैध भंडारण के खिलाफ पिछले कुछ समय से जोरदार अभियान चलाया गया है, ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि अगले एक हफ्ते में खाद्य तेल की कीमतों में 10-12 रुपये प्रति लीटर तक की कमी आ सकती है.

गौरतलब है कि देश में खाद्य तेल की कीमतें पिछले एक साल में तेजी से बढ़ी हैं, जिसके चलते आम लोगों का घर का बजट बिगड़ गया है. अब जब वैश्विक स्तर पर खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है तो सरकार ने बुधवार को सभी खाद्य तेल निर्माता कंपनियों को निर्देश दिया है कि इम्पोर्टेड खाद्य तेल की कीमतों में अगले एक हफ्ते में 10 रुपये प्रति लीटर तक की कटौती करें. यही नहीं सरकार ने देशभर में एक ही ब्रांड के तेल की कीमतें एक समान रखने को भी कहा है.

60 फीसद से ज्यादा तेल आयात करता है भारत

ज्ञात हो कि भारत अपनी जरूरत के 60 फीसद से ज्यादा खाद्य तेल का आयात करता है. वैश्विक दबाव में तेल की कीमतों में काफी बढ़ोतरी हुई थी. हालांकि अब इन दामों में कुछ सुधार हुआ है और वैश्विक स्तर पर कीमतें कम हुई हैं. पिछले महीने भी तेल निर्माता कंपनियों में MRP पर 10-15 रुपये की कटौती की थी और इससे पहले भी वैश्विक बाजारों में कटौती का असर भारत में खाद्य तेलों की कीमतों पर भी पड़ा था.

वैश्विक स्तर पर कीमतों में और गिरावट को ध्यान में रखते हुए खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने सभी खाद्य तेल संघों और बड़ी तेल निर्माता कंपनियों की बैठक बुलाई. इस बैठक में मौजूदा ट्रेंड के बारे में बातचीत हुई और वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतों में गिरावट का फायदा आम उपभोक्ताओं को दिए जाने की बात कही गई.

इस बैठक के बाद न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए खाद्य सचिव ने कहा, ‘हमने इस पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी और उनसे कहा कि वैश्विक स्तर पर पिछले एक हफ्ते में ही कीमतों में 10 फीसद की गिरावट आई है. इसका लाभ उपभोक्ताओं को भी मिलना चाहिए. हमने उनसे कीमतें कम करने को कहा.’

कंपनियों ने दाम कम करने का किया वादा

बड़ी तेल निर्माता कंपनियों ने वादा किया है कि अगले एक हफ्ते में खाद्य तेल की कीमतों में 10 रुपये प्रति लीटर तक की कटौती की जाएगी. इसमें सभी आयातित खाद्य तेल शामिल हैं, जैसे – पाम ऑयल, सोयाबीन आयल, सूरजमुखी का तेल आदि. उन्होंने कहा कि एक बार जब इन खाद्य तेलों के दाम कम हो जाएंगे तो इसका असर अन्य खाद्य तेलों की कीमतों पर भी पड़ेगा.

पूरे देश में एक जैसी होंगी कीमतें

इसके अलावा खाद्य सचिव ने सभी खाद्य तेल निर्माता कंपनियों से कहा है कि वह पूरे देश में तेल की कीमतें एक समान रखें. मौजूदा दौर में अलग-अलग क्षेत्रों में एक ही ब्रांड के तेल की कीमतों में 3-5 रुपये प्रति लीटर तक का अंतर होता है. जबकि ट्रांसपोर्ट और अन्य लागत को MRP में ही जोड़ दिया जाता है. उन्होंने बताया कि कंपनियां इस बात के लिए भी मान गई हैं.

आज यानी बुधवार 6 जुलाई की बात करें तो उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के डाटा के अनुसार देश में पाम ऑयल का औसत दाम 144.16 रुपये प्रति किलो, सूरजमुखी के तेल की कीमत 185.77 रुपये प्रति किलो, सोयाबीन तेल के दाम 185.77 रुपये प्रति किलो, सरसों के तेल की कीमत 177.37 रुपये प्रति किलो और मूंगफली के तेल के दाम 187.93 रुपये प्रति किलो हैं.

(इनपुट – पीटीआई)

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