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कोविड-19 (Covid-19) की लहर के दौरान अपने नियोक्ताओं से आर्थिक सहायता प्राप्त करने वालों के लिए अच्छी खबर है. अगर आपको कोविड हुआ था और इलाज के लिए नियोक्ता या रिस्तेदार ने आपकी आर्थिक मदद की थी, तो वह राशिक टैक्स फ्री रहेगी. इस रकम पर आपसे कोई टैक्स नहीं लिया जाएगा.
बता दें, जून 2021 में वित्त मंत्रालय ने करदाता को उसके नियोक्ता से कोविड-19 के इलाज के लिए प्राप्त राशि पर आयकर छूट की घोषणा की थी. यदि किसी कोविड प्रभावित व्यक्ति को किसी अन्य व्यक्ति से आर्थिक सहायता प्राप्त हुई है तो उस पर भी सरकार कोई कर नहीं लगाएगी.
इसके अलावा, जिन लोगों को कोविड -19 प्रभावित परिवार के सदस्य की मृत्यु के कारण नियोक्ताओं या किसी और से कोई अनुग्रह भुगतान प्राप्त हुआ, उन्हें भी कर से छूट दी जाएगी.
इस घोषणा को जून 2021 में स्पष्ट रूप से कहा गया था, लेकिन केंद्रीय बजट 2022 के बारे में घोषणाओं के बीच औपचारिक रूप से वित्त विधेयक 2022-23 में शामिल किया गया था.
बजट दस्तावेजों के अनुसार, “नियोक्ता द्वारा वास्तव में कर्मचारी द्वारा किए गए किसी भी व्यय के संबंध में भुगतान की गई कोई भी राशि COVID-19 से संबंधित किसी भी बीमारी के संबंध में उनके परिवार के किसी सदस्य का चिकित्सा उपचार या उपचार, ऐसी शर्तों के अधीन, जैसा कि केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित किया जा सकता है, अनुलाभ का हिस्सा नहीं होगा.
विशेष रूप से, इस वित्तीय सहायता को उपहार टैक्स के हिस्से के रूप में भी नहीं गिना जाएगा.
यदि किसी मृत कर्मचारी के परिवार को मृत्यु के बाद नियोक्ता से अनुग्रह राशि प्राप्त हुई है, तो हस्तांतरित की गई पूरी राशि कर मुक्त रहेगी. अगर आपको यह रकम किसी और से मिली है तो टैक्स छूट को 10 लाख रुपये तक सीमित कर दिया गया है.
बता दें, यह छूट केवल तभी मान्य है जब आपको मृत्यु की तारीख से 12 महीने के भीतर राशि प्राप्त हुई हो.
यदि कई लोगों ने परिवार को वित्तीय सहायता देने में योगदान दिया है, तो कुल 10 लाख रुपये तक की राशि कर मुक्त होगी.
उपर्युक्त परिवर्तन निर्धारण वर्ष 2020-2021 से लागू हैं. कर-राहत वित्तीय वर्ष 2019-20 और उसके बाद के वित्तीय वर्षों पर लागू होगी.
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