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Income Tax Return Filing: ITR फाइल करने की डेडलाइन बढ़ने के बावजूद देना होगा ब्याज, जानिए- कितना लगेगा चार्ज?
Income Tax Return Filing: ITR फाइल करने की डेडलाइन बढ़ने के बावजूद भी आपको लेट पेमेंट पर ब्याज देना होगा.
Income Tax Return Filing: कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आईटीआर दाखिल करने की समय सीमा 30 सितंबर 2021 तक बढ़ा दी है, लेकिन समय सीमा बढ़ाने का मतलब यह नहीं है कि आप पर जुर्माना लगाया जाएगा. यहां पर आपको ब्याज पर शुल्क लगाकर राहत दी गई है, जिसे स्व-निर्धारण कर या अग्रिम कर के मामले में बकाया कर देयता के मामले में भुगतान करना आवश्यक है.
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बकाया टैक्स पर लगेगा ब्याज
इनकम टैक्स एक्ट 1961 की तीन धारा 234ए, 234बी और 234सी के तहत टैक्स भरने में देरी होने पर टैक्सपेयर को बकाया टैक्स पर ब्याज देना होता है. वापसी. धारा 234ए के तहत आईटीआर फाइल करने में देरी पर ब्याज लगता है. मान लीजिए कि आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई, 2021 है और आपने 6 अगस्त, 2021 को फाइल की थी. तो ऐसे में बकाया टैक्स राशि पर हर महीने 1% की दर से ब्याज लिया जाएगा. ऐसे में पूरे एक महीने का ब्याज शुल्क देना होगा, यानी 6 दिन की देरी को पूरे एक महीने की देरी माना जाएगा. जिसकी वजह से ब्याज पर जुर्माना वसूला जाएगा.
हालांकि, धारा 234ए के तहत उन करदाताओं को राहत मिलती है, जिनका सेल्फ असेसमेंट टैक्स 1 लाख रुपये तक है. लेकिन अगर टैक्स देनदारी 1 लाख रुपये से ज्यादा है तो उन्हें देरी पर ब्याज देना होगा. इसलिए भले ही इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन 30 सितंबर है, लेकिन अगर आपकी टैक्स देनदारी 1 लाख रुपये से ज्यादा है तो आपको अगस्त और सितंबर के लिए 1% की दर से ब्याज देना होगा. मान लीजिए कि समय सीमा 30 सितंबर से आगे बढ़ जाती है, तो उसके अनुसार ब्याज मिलता रहेगा.
एडवांस टैक्स में देरी होने पर देना होगा ब्याज
इसी तरह धारा 234बी के तहत यदि किसी करदाता ने अग्रिम कर का भुगतान नहीं किया है या कर देयता का 90% से कम भुगतान किया है, तो उसे भी 1% की दर से ब्याज देना होगा. आपको बता दें कि इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 208 के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति की टैक्स देनदारी एक साल के लिए 10,000 रुपये या इससे ज्यादा है तो उसे एडवांस टैक्स देना होता है. यदि वह ऐसा करने में विफल रहता है, तो उसे धारा 234बी के तहत या अप्रैल से वास्तविक कर भुगतान की तिथि तक हर महीने 1% की दर से ब्याज का भुगतान करना होगा.
धारा 234सी के तहत अग्रिम कर किश्तों के भुगतान के चूककर्ताओं पर ब्याज लगाया जाता है. बता दें, करदाताओं को 15 जून, सितंबर, दिसंबर और मार्च तक 15 फीसदी, 45 फीसदी, 75 फीसदी और 100 फीसदी एडवांस टैक्स देना होगा. यदि अग्रिम कर भुगतान में कमी होती है, तो उस तिमाही में 3% का ब्याज लगाया जाता है.
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