IRCTC Latest News : जानें, कब से शुरू होने जा रही हैं प्राइवेट ट्रेन, फ्लाइट से कम किराए पर कर सकेंगे यात्रा

इन ट्रेनों के चलाए जाने से उन यात्रियों को जरूर राहत मिलेगी, जिन्हें लंबी प्रतीक्षा सूची की वजह से मुश्किलें झेलनी पड़ती हैं.

Published: July 3, 2020 11:40 AM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Gaurav Tiwari

IRCTC Latest News : जानें, कब से शुरू होने जा रही हैं प्राइवेट ट्रेन, फ्लाइट से कम किराए पर कर सकेंगे यात्रा

IRCTC Latest News Today:  देश में निजी ट्रेनों (Private Trains) को शुरू करने के सरकार के फैसले पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं. ऐसे में रेलवे ने स्पष्ट किया है कि ये ट्रेनें अतिरिक्त ट्रेन होंगी और इनका वर्तमान ट्रेनों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. रेलवे (Railway) के मुताबिक अप्रैल 2023 से करीब 151 नई निजी रेलगाड़ियां (151 private trains) शुरू होने की संभावना है. रेलवे की पूरी कोशिश है कि 3 साल के भीतर इन ट्रेनों को पूरी तरह से  शुरू किया जा सके. इसके लिए स्पेशल मैकेनिज्म तायार किया जा रहा है. खास बात यह है कि इन प्राइवेट ट्रेनों के किराए को लेकर जारी बहस के बीच रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव (VK Yadav) ने स्पष्ट किया है कि इन ट्रेनों का किराया फ्लाइट्स की तुलना में काफी कम होगा.

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने बताया कि निजी ट्रेनों का यात्रा किराया हवाई यात्रा किराए के अनुरूप प्रतिस्पर्धी होगा. सरकार ने करीब 5 फीसदी ट्रेनों के निजीकरण का फैसला किया है, जिसके तहत पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के अंतर्गत ये ट्रेन देश के अलग-अलग हिस्सों में दौड़ेंगी. बाकि की 95 फीसदी ट्रेन भारतीय रेलवे की तरफ से चलाई जाएंगी.

इन ट्रेनों के चलाए जानें से उन यात्रियों को जरूर राहत मिलेगी, जिन्हें लंबी प्रतीक्षा सूची की वजह से मुश्किलें झेलनी पड़ती हैं. यानि, नई ट्रेनों के शुरू होने से वेटिंग लिस्ट में भी कमी आएगी, क्योंकि यात्रियों के पास यात्रा के लिए दूसरे ऑप्शन भी होंगे.

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पैसेंजर ट्रेनों के परिचालन में प्राइवेट कंपनियों के उतरने से कई लाभ होंगे. जैसे कि रेलगाड़ियों को तेज गति से चलाने और रेल डिब्बों की प्रौद्योगिकी में नया बदलाव भी किया जा सकेगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा- प्रौद्योगिकी बेहतर होती है तो रेलगाड़ी के जिन कोचों को वर्तमान समय में हर 4,000 किलोमीटर यात्रा के बाद रखरखाव की जरूरत होती है, उसमें भारी बदलाव आएगा और तब यह सीमा करीब 40,000 किलोमीटर हो जाएगी. मतलब, इन कोचों का महीने में एक या दो बार ही रखरखाव करना होगा. इसके साथ ही यादव ने ट्रेन के कोचों की खरीद में ‘मेक इन इंडिया’ पर भी जोर दिया है.

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