LLP Amendment Bill: राज्यसभा ने एलएलपी संशोधन विधेयक को मंजूरी दी, उद्योग जगत ने बताया बेहतर कदम

LLP Amendment Bill: राज्यसभा ने एलएलपी संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है, जिसको उद्योग जगत ने बेहतर कदम बताया है.

Published: August 5, 2021 8:17 AM IST

By India.com Hindi News Desk

LLP Amendment Bill: राज्यसभा ने एलएलपी संशोधन विधेयक को मंजूरी दी, उद्योग जगत ने बताया बेहतर कदम

LLP Amendment Bill: राज्यसभा (Rajyasabha) ने बुधवार को सीमित देयता भागीदारी संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी, जिसका उद्देश्य सरकार के ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (Ease of doing business) अभियान को तेज करना है और इस सेगमेंट के लिए अन्य बड़ी कंपनियों के समान नियम लाना है. इस विधेयक (Bill) को पहले लोकसभा (Loksabha) ने मंजूरी दी थी. इसलिए अब संसदीय मंजूरी से यह राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून बन जाएगा.

2008 में एलएलपी कानून (LLP Law) के लागू होने के बाद से यह पहला संशोधन है. यह बड़े पैमाने पर बढ़ते स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र का समर्थन करता है, जहां कंपनियां फल-फूल रही हैं.

नए संशोधित कानून ने एलएलपी के लिए 12 अपराधों को अपराध से मुक्त कर दिया है और पहले के कानूनों के तीन वर्गों को छोड़ दिया गया है.

एलएलपी के विकास का समर्थन करने के लिए छोटे एलएलपी की एक नई परिभाषा पेश की गई है, जिसने व्यक्तिगत या साझेदार योगदान स्तर को वर्तमान 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये कर दिया है. साथ ही एलएलपी में होने वाले टर्नओवर की सीमा भी 40 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये कर दी गई है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहले कहा था कि संशोधन कंपनी अधिनियम के तहत आने वाली बड़ी कंपनियों की तुलना में एलएलपी को समान खेल मैदान (प्रतिस्पर्धा के लिहाज से एक समान) में लाएंगे.

विशेषज्ञों और उद्योग के हितधारकों ने एलएलपी अधिनियम में बदलाव की सराहना की है और कहा है कि यह निर्णय व्यवसाय करने में आसानी की दिशा में एक बड़ा विकास है.

रिसर्जेंट इंडिया में प्रबंध निदेशक ज्योति प्रकाश गाड़िया ने कहा, “एलएलपी अधिनियम में संशोधन अब उल्लंघन के संबंध में आपराधिक कोण को हटाने का प्रस्ताव करता है और अब बिना किसी आपराधिक कार्रवाई के जुमार्ने के रूप में केवल आर्थिक दंड देना होगा. इससे मध्यम स्तर के उद्यमी को उनकी व्यावसायिक गतिविधियों और विकास में सुविधा होगी.”

परिवर्तनों को स्वागत योग्य कदम बताते हुए, एडीआईएफ के कार्यकारी निदेशक सिजो कुरुविला जॉर्ज ने कहा कि यह संस्थापक-अनुकूल कदम है.

उन्होंने कहा कि संशोधन लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप को और भी आकर्षक माध्यम बना देगा और भारतीय एक अधिक मांग वाला गंतव्य बन जाएगा.

यह कदम संस्थापकों (फाउंडर) के जीवन को सरल बनाने में मदद करेगा और व्यापार करने में आसानी लाने के लिए सरकार की मंशा में विश्वास पैदा करेगा.

(With IANS Inputs)

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