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नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने रिएल एस्टेट कंपनी सुपरटेक को दिवालिया घोषित कर दिया, जिससे करीब 25 हजार घर खरीदारों की मुसीबतें बढ़ गयी हैं. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने लोन अदायगी न करने पर सुपरटेक के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसे स्वीकार करते हुए कंपनी को दिवालिया घोषित कर दिया गया है. अब सुपरटेक ने आखिरी विकफ्ल का इस्तेमाल करते हुए एनसीएलटी के इस फैसले के खिलाफ National Company Law Appellate Tribunal (NCLAT) से अपील करेगा.
कंपनी के लिए भी यह करारा झटका है क्योंकि उसने अपने लोन के एकमुश्त निपटान का प्रस्ताव दिया था लेकिन यूनियन बैंक ने यह प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया. दूसरी तरफ सुपरटेक दावा कर रहा है कि वह किसी भी होमबायर्स का नुकसान नहीं होने देगा. कंपनी का कहना है कि इस फैसले का असर सुपरटेक के किसी भी प्रोजेक्ट पर नहीं मिलेगा.
बताते चलें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा में सुपरटेक के दो टावरों को गिराने का आदेश दिया था. नोएडा प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि 40 मंजिला ट्वीन टावर 22 मई तक ध्वस्त कर दिए जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही यह भी आदेश दिया था कि जिन घर खरीदारों ने ट्विन टावर में फ्लैट बुक कराए थे, उनको उनके पैसे 28 फरवरी तक लौटा दिए जाएं. सुपरटेक के वकील एस गणेश ने बताया कि रिफंड की मांग करते हुए 38 आवेदन पेश किए गए हैं.
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