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सरकार की महत्त्वाकांक्षी परियोजना ओपेन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) को शुक्रवार से सूक्ष्म तौर पर लागू किया जा रहा है. जिसमें इस बात की तस्दीक की जाएगी कि तकनीक आधारित बुनियादी ढांचा किस तरह से काम करता है. जिससे इसे शुरू करने से पहले औपचारिक रूप से ज्यादा मजबूत किया जा सके.
बिजनेस स्टैंडर्ड में प्रकाशित खबर के मुताबिक, एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि ओएनडीसी सबसे पहले पांच शहरों- दिल्ली, बेंगलूरु, कोयंबटूर, भोपाल और शिलॉन्ग में शुरू किया जाएगा. जिसे बाद इसमें और बढ़ोतरी की जाएगी और अगले छ माह के अंदर 100 शहरों में इसको प्रारंभ कर दिया जाएगा.
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवद्र्घन विभाग (DPIIT) के अतिरिक्त सचिव अनिल अग्रवाल ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘ओएनडीसी के प्रायोगिक परीक्षण का मकसद विभिन्न प्लेटफॉर्मों पर ओएनडीसी की प्रणाली में शुरू से आखिर तक लेनदेन की जांच-परख करना है, जिनमें ऑर्डर देना, भुगतान और डिलिवरी भी शामिल हैं. इस मुहिम से परिचालन का दायरा बढ़ाने के लिए अच्छे नियम या नीतियां बनाने में मदद मिलेगी.’
बता दें, ओएनडीसी मौजूदा प्लेटफॉर्म केंद्रित मॉडल के बंधनों तोड़ता है. इसका मकसद नए तरीके आजमाना, कारोबारी स्तर बड़ा करना और सभी उद्यमों में सुधार लाने के लिए नेटवर्क बनाकर अलग-अलग प्लेटफॉर्मों की दीवार तोड़ते हुए व्यापारियों और उपभोक्ताओं को सशक्त बनाना है.
इसका उद्देश्य उद्योगों को कम खर्च में ज्यादा जगहों तक पहुंच मुहैया कराना है. इन उद्योगों में खुदरा, परिवहन, आतिथ्य, खाद्य डिलिवरी, थोक व्यापार और पर्यटन शामिल होंगे.
इसका उद्देश्य छोटे और ट्रेडिशनल रिटेल सेलर्स को लाभ पहुंचाना और डिजिटल एकाधिकार पर लगाम लगाना है. इसे यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के समान बताया जा रहा है, लेकिन ई-कॉमर्स क्षेत्र के लिए ओएनडीसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पसंदीदा परियोजना है.
इसमें तकरीबन 150 रिटेलर्स पायलट प्रोजेक्ट में भाग लेंगे, जिसे ऊपर्युक्त शहरों में प्रारंभ किए जाने पर विचार किया जा रहा है. इस मुहिम में पांच विक्रेता प्लेटफॉर्म- सेलरऐप, ग्रोथफाल्कन, गोफ्रूगल , डिजिट और ई-समुदाय हिस्सा लेंगे. वे ओएनडीसी पर काम करने वाले ऐप पर विक्रेताओं या खुदरा विक्रेताओं को जोड़ेंगे और उन तक ग्राहकों के पहुंचने को संभव बनाएंगे. इ
इसी तरह से बायर्स से जुड़ा एप्लिकेशन भी ओएनडीसी के ढांचे से जुड़ा होगा, जो इस मामले में पेटीएम होगा. सामान की डिलिवरी के लिए डिलिवरी या लॉजिस्टिक प्रदाताओं को भी जोड़ा जा रहा है. इसके लिए लोडशेयर ने भागीदारी पर सहमति जताई है.
गौरतलब है कि ओएनडीसी निजी क्षेत्र की अगुआई वाला गैर-लाभकारी संगठन है, जिसकी अगुआई डीपीआईआईटी कर रहा है. इस कंपनी को अपनी परियोजना के पहले चरण में विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थानों से 255 करोड़ रुपये की पूंजी मिली है.
इन्फोसिस के गैर-कार्यकारी चेयरमैन और आधार के शिल्पी नंदन नीलेकणि, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) आरएस शर्मा जैसे विशेषज्ञ सरकार से ओएनडीसी को डिजाइन करने और इसे अपनाने की रफ्तार बढ़ाने की सलाह दे रहे हैं.
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