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क्या त्योहारी सीजन में आम लोगों को लगेगा एक और झटका? Repo Rate पर RBI ले सकता है बड़ा फैसला

RBI Repo Update : मुद्रास्फीति पर काबू के लिए रिजर्व बैंक लगातार चौथी बार रेपो दर में बढ़ोतरी करेगा. आरबीआई के गवर्नर की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति की तीन दिन की बैठक बुधवार को शुरू होगी और दरों में परिवर्तन पर जो भी निर्णय होगा उसकी जानकारी शुक्रवार 30 सितंबर को दी जाएगी.

Updated: September 26, 2022 11:49 AM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Manoj Yadav

RBI on retail inflation
RBI on retail inflation

Repo Rate Update : त्योहारी सीजन शुरू होते ही आम लोगों को एक और झकटा लग सकता है. यह आशंका जताई जा रही है कि यूएस फेडरल रिजर्व के नीतिगत दरों में बढ़ोतरी के बाद भारतीय रिजर्व बैंक भी रेपो रेट बढ़ाने का फैसला ले सकता है. अगर ऐसा होता है तो कर्ज की ईएमआई बढ़ जाएगी. जिससे पहले से चल रहे लोन पर या तो ईएमआई का बोझ बढ़ेगा या उसको चुकाने की समय सीमा में बढ़ोतरी की जा सकती है.

महंगाई को कम करने के लिए RBI ले सकता है फैसला

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) मुद्रास्फीति से निपटने के लिए अमेरिका के फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) समेत अन्य वैश्विक केंद्रीय बैंकों का अनुसरण करते हुए शुक्रवार को लगातार चौथी बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकता है.

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30 सितंबर को हो सकता निर्णय

आरबीआई ने महंगाई को काबू में करने के लिए रेपो दर में मई से अबतक 1.40 प्रतिशत की वृद्धि की है. इस दौरान रेपो दर चार प्रतिशत से बढ़कर 5.40 प्रतिशत पर पहुंच चुकी है. मौद्रिक नीति समिति (MPC) 30 सितंबर को रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि का फैसला कर सकती है. ऐसा होने पर रेपो दर बढ़कर 5.90 प्रतिशत हो जाएगी.

खुदरा महंगाई पर गौर करेगा RBI

रेपो दर (Repo Rate) में मई में 0.40 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी और जून तथा अगस्त में यह 0.50-0.50 प्रतिशत बढ़ाई गई. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति में मई से नरमी आने लगी थी लेकिन यह अगस्त में सात प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई. आरबीआई अपनी द्विवार्षिक मौद्रिक नीति बनाते वक्त खुदरा महंगाई पर गौर करता है.

आरबीआई के गवर्नर की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति की तीन दिन की बैठक बुधवार को शुरू होगी और दरों में परिवर्तन पर जो भी निर्णय होगा उसकी जानकारी शुक्रवार 30 सितंबर को दी जाएगी.

रेपो दर में 0.25 से 0.35 फीसदी की वृद्धि संभव

बैंक ऑफ बड़ौदा में मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि मुद्रास्फीति सात प्रतिशत के लगभग बनी रहने वाली है और ऐसे में दरों में वृद्धि होना तय है. रेपो दर में 0.25 से 0.35 फीसदी की वृद्धि का मतलब है कि आरबीआई को यह भरोसा है कि मुद्रास्फीति का सबसे खराब दौर बीत चुका है. वहीं विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में हाल के घटनाक्रमों को देखते हुए दरों में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि भी की जा सकती है.

आरबीआई का काम यह सुनिश्चित करना है कि खुदरा मुद्रास्फीति चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) पर बनी रहे.

हाउसिंग डॉट कॉम के समूह मुख्य कार्यपालक अधिकारी ध्रुव अग्रवाल ने कहा कि ऊंची मुद्रास्फीति आरबीआई के लिए चिंता का प्रमुख कारण है और दरों में वृद्धि के परिणामस्वरूप बैंक आवास ऋण पर ब्याज दरें बढ़ाएंगे. हालांकि, हमारा मानना है कि इसका बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ेगा क्योंकि संपत्ति की मांग बनी हुई है. बल्कि त्योहारों के दौरान तो मांग और बढ़ने वाली है.

भारतीय स्टेट बैंक ने अपनी विशेष रिपोर्ट में कहा था कि दरों में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि तय है. उसने कहा था कि रेपो की सर्वोच्च दर 6.25 प्रतिशत तक जाएगी और अंतिम वृद्धि दिसंबर की नीतिगत समीक्षा में 0.35 प्रतिशत की होगी.

(Input-Bhasha)

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