नई दिल्ली: कांग्रेस ने मोदी सरकार पर देश छोड़कर भागने वाले जालसाजों से मिलीभगत करने का आरोप लगाया और हितों के टकराव का दावा करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा है कि उन्हें बर्खास्त किया. कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि वर्तमान भाजपा सरकार के अंतर्गत अभूतपूर्व 19 हजार बैंक धोखाधड़ी के मामले दर्ज हुए हैं, जिसमें 90 हजार करोड़ रुपए की धोखाधड़ी हुई है. उन्होंने कहा, “उनकी देखरेख में कम से कम 23 बैंक धोखेबाजों ने देश को 53 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का चूना लगाने के बाद भारत छोड़ दिया.” Also Read - COVID-19: रणदीप सिंह सुरजेवाला और हरसिमरत कौर बादल कोरोना टेस्ट में पॉजिटिव
कांग्रेस ने कहा कि जेटली की वकील बेटी और दामाद को भगोड़े मेहुल चौकसी से 24 लाख रुपए ये बतौर रिटेनरशिप मिले. जेटली के दामाद ने हालांकि, पहले एक बयान जारी कर कहा था कि जैसे ही उनकी लॉ फर्म को कंपनी के घोटाले में संलिप्त होने का पता चला, उन्होंने उसी वक्त रिटेनरशिप की रकम लौटा दी थी. Also Read - WB Assembly elections 2021: कांग्रेस पार्टी को बंगाल में बड़ा झटका, उम्मीदवार रेजाउल हक की कोरोना से मौत
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने पार्टी सहयोगी राजीव सातव और सुष्मिता देव के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जनवरी तक 44 महीनों के कार्यकाल में मोदी सरकार अभूतपूर्व 19 हजार बैंक धोखाधड़ी मामलों की गवाह बनी, जिसमें 90 हजार करोड़ रुपए की रकम का हेरफेर हुआ. उन्होंने आरोप लगाया कि भारत सरकार की नाक के नीचे से 23 घोटालेबाज देश को 53 हजार करोड़ का चूना लगाकर फरार हो गए. Also Read - CBSE Board Exams Updates: केजरीवाल ने केंद्र से बोर्ड परीक्षा रद्द करने की मांग की, कहा- ऐसे हालात में एग्जाम के बदले...
पायलट ने कहा कि डूबती अर्थव्यवस्था, बैंकिंग धोखाधड़ी और फरार हो रहे घोटालेबाज भाजपा- जेटली के ‘नये भारत’ का हिस्सा हैं. पार्टी ने मांग की कि मंत्री को नैतिक आधार पर अपना इस्तीफा देना चाहिए.
तीनों नेताओं ने एक बयान में कहा, ”विजय माल्या, ललित मोदी, नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और अन्य का एक के बाद एक फरार होना दर्शाता है कि मोदी सरकार जनता के पैसे की संरक्षक नहीं बल्कि एक ट्रैवल एजेंसी है, जो धोखाधड़ी करने वालों, धन हथियाने वालों और विदेश जाने वाले ऐसे लोगों को सुविधा देती है, जो जानबूझ कर बैंक जालसाजी को अंजाम देते हैं.”
पायलट ने आरोप लगाया, वित्त एवं कारपोरेट मामलों के मंत्री रहते अरुण जेटली, उनकी पुत्री सोनाली जेटली और दामाद जयेश बख्शी ने मेहुल चौकसी की फर्जीवाड़े वाली कंपनी गीतांजली जेम्स लिमिटेड से दिसंबर 2017 में 24 लाख रुपए की रिटेनरशिप स्वीकार की.
कांग्रेस नेताओं ने एक बयान में पूछा, ”क्या यह वित्त मंत्री के लिये मिलीभगत, साठगांठ और ‘हितों के टकराव’ का स्पष्ट मामला नहीं है? वित्त मंत्री जेटली, उनकी बेटी या दामाद को सीबीआई / ईडी/एसएफआईओ की तरफ से समन या पूछताछ के लिए क्यों नहीं बुलाया गया?”