
Share Market Outlook: तिमाही नतीजों और विदेशी निवेशकों के रुख से तय होगी घरेलू बाजारों की दिशा
Share Market Outlook: जानकारों का मानना है कि तिमाही नतीजों और विदेशी निवेशकों के रुख से घरेलू बाजारों की दिशा तय होगी. विश्लेषकों के मुताबिक विदेशी निवेशकों की फंड निकासी पर भी बाजार की नजरें टिकी रहेंगी.

Share Market Outlook: मासिक डेरिवेटिव की मियाद खत्म होने और वैश्विक रुझानों के साथ कंपनियों के तिमाही नतीजों के असर से आने वाले सप्ताह में इक्विटी बाजारों में उठापटक का दौर देखने को मिल सकता है. विश्लेषकों के मुताबिक विदेशी निवेशकों की फंड निकासी पर भी बाजार की नजरें टिकी रहेंगी.
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स्वस्तिका इंवेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘यह उम्मीद की जाती है कि यूएस फेडरल रिजर्व की तीखी टिप्पणी और कमजोर कमाई के बाद शुक्रवार को अमेरिकी बाजार में रही तेज गिरावट के बाद नया सप्ताह थोड़ा नरम स्तर पर शुरू होगा. इस हफ्ते की धारणा अप्रैल महीने की मासिक डेरिवेटिव की मियाद खत्म होने और चौथी तिमाही के नतीजों के साथ ही वैश्विक संकेतों से प्रभावित रह सकती है.’’ मीणा ने कहा कि आईसीआईसीआई बैंक के तिमाही परिणामों पर सोमवार को बाजार की प्रतिक्रिया देखने को मिलेगी. वहीं इस हफ्ते एचडीएफसी लाइफ, बजाज ऑटो, एचयूएल, अंबुजा सीमेंट, एक्सिस बैंक, बजाज फिनसर्व, वेदांत, इंडसइंड बैंक, मारुति सुजुकी, अल्ट्राटेक सीमेंट और विप्रो के भी तिमाही परिणाम आने वाले हैं.
मीणा ने कहा कि विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) भारतीय इक्विटी बाजार में लगातार बिकवाली कर रहे हैं और अमेरिका में दरों में बढ़ोतरी की चिंताओं के बीच उनके व्यवहार पर इस हफ्ते नजरें टिकी रहेंगी.
उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर कायम अनिश्चितता के बीच कच्चे तेल की कीमतों पर भी बाजार की नजर रहेगी.
एम्के वेल्थ मैनेजमेंट के शोध प्रमुख जोसफ थॉमस ने कहा, ‘‘पूर्वी यूरोप में अभी भी लगातार युद्ध की स्थिति बनी हुई है. ईसीबी के दरों में बदलाव करने की संभावना है, और फेडरल रिजर्व की प्रतिक्रिया से भी आने वाले सप्ताह में बाजारों का रुख तय होगा.’’
बीते हफ्ते में घरेलू शेयर बाजार नुकसान के साथ बंद हुए थे. पिछले हफ्ते सेंसेक्स 1,141.78 अंक यानी 1.95 फीसदी टूटा, जबकि निफ्टी 303.70 अंक यानी 1.73 फीसदी के नुकसान पर रहा.
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका कहते हैं, ‘‘फेड रिजर्व की दरों में बढ़ोतरी की संभावना, बढ़ती मुद्रास्फीति और बॉन्ड प्रतिफल के अलावा सुस्त पड़ती आर्थिक वृद्धि, रूस- यूक्रेन युद्ध का लंबा खिंचना और कच्चे तेल की अस्थिर कीमतें बाजारों को अनिश्चित बना रही हैं. विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली के साथ कुछ बड़ी कंपनियों के कमजोर नतीजों ने भी बाजार को दबाव में ला दिया है.’’
जूलियस बेयर के कार्यकारी निदेशक मिलिंद मुचला ने कहा कि निवेशक अधिक कंपनियों के परिणामों की घोषणा का इंतजार करना पसंद कर सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘भू-राजनीतिक स्थिति और आपूर्ति श्रृंखला से जुड़ी चुनौतियों के कारण जिंसों की कीमतों में बढ़ोतरी की चिंताओं और फेड रिजर्व की दरें बढ़ाने की आशंका के चलते बाजार में निकट अवधि में काफी अस्थिरता देखी जा सकती है.’’
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(इनपुट-भाषा)
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