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Supreme Court: कंज्यूमर कोर्ट में रिक्त पदों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों पर लगाया जुर्माना

Supreme Court: कंज्यूमर कोर्ट में रिक्त पदों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों पर जुर्माना लगाया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिक्त पदों की भर्ती करना राज्यों का कर्तव्य है तो ऐसे में उन्हें अपना कर्तव्य पूरा करने के लिए कहने में अदालत को हस्तक्षेप की जरूरत क्यों पड़ रही है?

Updated: February 23, 2022 2:50 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Manoj Yadav

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Supreme Court of India (File photo)

Supreme Court | Consumer Court: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कंज्यूमर कोर्ट (Consumer Court) में रिक्त पदों पर भर्ती करने के संबंध में दिये गये अपने आदेश का अनुपालन न करने के मामले में कई राज्यों पर बुधवार को जुर्माना लगा दिया. जस्टिस एस के कौल और एम एम सुंदरेश की खंडपीठ ने राज्य सरकारों को सख्त संदेश देते हुए कहा कि राज्यों को उसके आदेश का अनुपालन न करने और इस मामले में हलफनामा पेश करने में हुई देरी के लिए जुर्माना भरना होगा.

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खंडपीठ ने कहा कि राज्य सरकारें बस यही भाषा समझती हैं और वह उन राज्यों पर जुर्माना लगा रही है, जिन्होंने जिला और राज्य के कंज्यूमर कोर्ट में रिक्त पदों पर भर्तियां करने के उसके आदेश का पालन नहीं किया है.

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लिया था. गत सात नवंबर में ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह इस मामले में आदेश का अनुपालन न करने वालों पर अदालत का समय बर्बाद नहीं करना चाहता है और उसने साथ ही चेतावनी भी दी गई थी कि भर्ती न होने पर संबंधित अधिकारियों पर एक रुपये से दो लाख रुपये तक की रिकवरी की जायेगी.

इस मामले में शीर्ष अदालत द्वारा एमिकस क्यूरी नियुक्त किये गये वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन ने तब खंडपीठ को बताया था कि गोवा, दिल्ली, राजस्थान, केरल और पंजाब की सरकार ने अपने कर्मचारियों के बारे में जानकारी नहीं पेश की है और बिहार ने स्थिति की रिपोर्ट दी है.

शीर्ष अदालत ने कहा कि इसमें उसका बहुत समय जाया हुआ है और वह आदेश का अनुपालन नहीं करने वाले राज्यों पर भारी जुर्माना लगायेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिक्त पदों की भर्ती करना राज्यों का कर्तव्य है तो ऐसे में उन्हें अपना कर्तव्य पूरा करने के लिए कहने में अदालत को हस्तक्षेप की जरूरत क्यों पड़ रही है. खंडपीठ ने राज्यों से कहा कि वे उपभोक्ता कानून को समझें और यह कानून उपभोक्ताओं के दैनिक जीवन में आयी मुश्किलों के समाधान के लिये है.

(With IANS Inputs)

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Published Date: February 23, 2022 2:24 PM IST

Updated Date: February 23, 2022 2:50 PM IST