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Tata Steel Investment: टाटा स्टील लिमिटेड अगले तीन से चार साल में नई प्रौद्योगिकी के विकास पर बड़ा दांव लगाने जा रही है और उसने ‘इस्पात से हटकर किसी अन्य सामग्री क्षेत्र में उतरने’ के अपने प्रयास के तहत लगभग 1,200 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई है. कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि नई सामग्री के कारोबार में इस्पात क्षेत्र की यह दिग्गज कंपनी ‘ग्राफीन’ पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जिसे प्लास्टिक के साथ मिश्रित किया जा सकता है और अन्य विशेषताओं के साथ नए उत्पादों के रूप में इसका नवीनीकरण किया जा सकता है.
टाटा स्टील ग्राफीन से समृद्ध उत्पादों की प्रमुख वैश्विक उत्पादक है. यह देश में इसमें पहले नंबर पर है. दुनिया में इस मामले में कंपनी 10वें स्थान पर है.
प्रौद्योगिकी और नई सामग्री व्यवसाय के उपाध्यक्ष देवाशीष भट्टाचार्य ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘जहां तक नई सामग्री के कारोबार का संबंध है, अगले तीन से चार साल में उत्पादन सहित संपूर्ण प्रौद्योगिकी विकास में होने वाला खर्च लगभग 1,200 करोड़ रुपये है.’’ भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘हम अच्छे ढंग से स्थितियों पर हावी हो सकें, इसके लिए … हमें उन अन्य सामग्रियों को भी समझने की जरूरत है जो आगे चलकर मानवता के लिए इस्तेमाल में आने जा रही हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने महसूस किया कि इस्पात से परे सामग्री में उतरने के कई तरीके हैं … विश्वविद्यालयों और संस्थानों के साथ नजदीकी से जुड़ें जहां बहुत सारे मौलिक काम हो रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि कंपनी का ग्राफीन कारोबार करीब 500 करोड़ रुपये का है, लेकिन विस्तार की योजना पर काम चल रहा है.
ग्राफीन का इस्तेमाल जंग प्रतिरोधी पेंट में भी होता है.
(Input-Bhasha)
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