नई दिल्ली: वित्त मंत्री पीयूष गोयल अंतरिम बजट पेश कर रहे हैं. मोदी सरकार के इस कार्यकाल का यह अंतिम बजट है.
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अंतरिम बजट में अगले वित्त वर्ष के चार महीने के खर्च के लिए संसद की अनुमति ली जाएगी. पूर्ण बजट आम चुनाव के बाद बनने वाली नई सरकार जुलाई में पेश करेगी. कांग्रेस के उभार को देखते हुए गोयल किसानों को राहत पहुंचाने के लिए प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण जैसे किसी योजना की घोषणा कर सकते हैं. उल्लेखनीय है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मतदाताओं को रिझाने के लिए पहले ही कह चुके हैं कि यदि कांग्रेस सत्ता में आई तो किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा और गरीबों को न्यूनतम आय सीधे हस्तांतरित की जाएगी.
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तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों में हाल में भाजपा की पराजय के लिए किसानों के असंतोष को प्रमुख वजह माना जा रहा है. ऐसे में गोयल किसानों को राहत पहुंचाने के लिए प्रत्यक्ष नकदी अंतरण जैसी कोई योजना घोषित कर सकते हैं. किसानों को राहत पैकेज पर 70 हजार करोड़ से लेकर एक लाख करोड़ रुपए तक की लागत आ सकती है. सूत्रों का कहना है कि अंतरिम बजट सरकार के लिए उसकी मध्यकालिक कार्ययोजना पेश करने का एक बेहतर मौका है जिसमें वह कृषि और ग्रामीण क्षेत्र की आय बढ़ाने के लिए उपायों की घोषणा कर सकती है. इसमें सर्वजनीन न्यूनतम आय योजना की घोषणा भी की जा सकती है. वर्ष 2016- 17 के आर्थिक सर्वेक्षण में इसकी अवधारणा रखी गई थी.
पीयूष गोयल ने पिछले सप्ताह ही वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाला है. अरुण जेटली के इलाज के लिए अमेरिका जाने के बाद उन्हें वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि बजट में व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा को मौजूदा ढाई लाख से बढ़ाकर तीन लाख रुपए किया जा सकता है, जबकि 60 से 80 वर्ष की आयु वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिए इसे साढ़े तीन लाख रुपए तक बढ़ाया जा सकता है. महिलाओं की भी साढ़े तीन लाख रुपए तक की सालाना आय को करमुक्त किया जा सकता है.