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Common University Entrance Test: CUET सभी बोर्ड के छात्रों को समान अवसर प्रदान करेगा : UGC चेयरमैन

Common University Entrance Test: UGC के चेयरमैन जगदीश कुमार ने कहा कि CUET का काम केवल केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले तक ही सीमित नहीं होगा. कई प्रतिष्ठित निजी विश्वविद्यालयों ने संकेत दिया है कि वे स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा के अंकों का इस्तेमाल करने के इच्छुक हैं.

Updated: March 29, 2022 6:08 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Parinay Kumar

UGC guidelines on examinations
University Grand Commission (File Photo)

Common University Entrance Test: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अध्यक्ष जगदीश कुमार (Jagadesh Kumar) ने कहा कि कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (Common University Entrance Test) न तो बोर्ड परीक्षाओं को अप्रासंगिक बनाएगा और न ही ‘कोचिंग संस्कृति’ को बढ़ावा देगा. उन्होंने कहा कि इससे राज्य बोर्डों के छात्रों को स्नातक प्रवेश प्रक्रिया में कोई नुकसान नहीं होगा. उन्होंने कहा कि CUET का आयोजन कराने की जिम्मेदारी NTA की है.

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कुमार ने न्यूज एजेंसी PTI को दिये एक इंटरव्यू में कहा कि CUET का काम केवल केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले तक ही सीमित नहीं होगा, क्योंकि कई प्रतिष्ठित निजी विश्वविद्यालयों ने संकेत दिया है कि वे स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा के अंकों का इस्तेमाल करने के इच्छुक हैं.

उन्होंने कहा, ‘शुरुआत में इस साल CUET का एक बार आयोजन किया जाएगा, लेकिन NTA आगामी सत्र से साल में कम से कम दो बार परीक्षा आयोजित करने पर विचार करेगी. उन्होंने कहा कि प्रवेश परीक्षा केवल केंद्रीय विश्वविद्यालयेां तक सीमित नहीं होगी, बल्कि निजी विश्वविद्यालय भी इसका इस्तेमाल करेंगे. कई प्रतिष्ठित निजी विश्वविद्यालयों ने संकेत दिया है कि वे भी इससे जुड़ना चाहते हैं और CUET के जरिए छात्रों का दाखिला करने के इच्छुक हैं.’ उन्होंने कहा कि CUET सभी बोर्ड के छात्रों को समान अवसर प्रदान करेगा.

बता दें कि कुमार ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए 12वीं कक्षा के अंक नहीं, बल्कि सीयूईटी के अंकों का उपयोग अनिवार्य होगा और केंद्रीय विश्वविद्यालय अपना न्यूनतम पात्रता मापदंड तय कर सकते हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या इस परीक्षा से स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए ‘कोचिंग संस्कृति’ को बढ़ावा मिलेगा? कुमार ने कहा, ‘परीक्षा के लिए किसी कोचिंग की आवश्यकता नहीं होगी, इसलिए इससे कोचिंग संस्कृति को बढ़ावा मिलने का सवाल ही पैदा नहीं होता. परीक्षा पूरी तरह 12वीं के पाठ्यक्रम पर आधारित होगी. कई छात्रों को इस बात की चिंता है कि क्या परीक्षा में 11वीं कक्षा के पाठ्यक्रम के भी सवाल पूछे जाएंगे, तो इसका जवाब है ‘नहीं’.

(इनपुट: भाषा)

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